जो करना है कर लो… ईरान ने ट्रंप को दिया दो टूक जवाब, सुपर पावर अमेरिका के धमकियों की निकाली हवा

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Last Updated:March 12, 2025, 09:56 IST

Iran US News: ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने कहा कि अमेरिका की धमकियों के बीच ईरान परमाणु समझौते पर बातचीत नहीं करेगा. ईरान ने रूस और चीन के साथ ओमान की खाड़ी में सैन्य अभ्यास किया, जिससे क्षेत्रीय तनाव औ…और पढ़ें

ईरान ने अमेरिका को चेतावनी दी है.

हाइलाइट्स

  • ईरानी राष्ट्रपति ने ट्रंप को चेतावनी दी
  • ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि वह समझौते को तैयार नहीं
  • अमेरिका से उन्होंने कहा जो करना है कर लो

तेहरान: अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप सत्ता में आने के बाद से ईरान पर दबाव बढ़ाने में लगे हैं. ईरान ने अब ट्रंप को करारा जवाब दिया है. ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने मंगलवार को कहा कि धमकियों के बीच ईरान अमेरिका से किसी भी स्थिति में अपने परमाणु कार्यक्रम पर बात नहीं करेगा. उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप को दो टूक जवाब देते हुए कहा, ‘जो करना है कर लो.’ इस बीच ईरान ने रूस और चीन के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास करके अपनी ताकत दिखाई है. पेजेश्कियान ने कहा, ‘हम यह बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर सकते कि अमेरिका हमें आदेश और धमकियां दे. मैं तुमसे (अमेरिका) बात भी नहीं करूंगा. जो करना है कर लो.’

ईरानी सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई ने भी शनिवार को कहा था कि ईरान किसी भी दबाव में बातचीत नहीं करेगा. यह बयान ट्रंप के उस दावे के बाद आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने ईरान के साथ नए परमाणु समझौते के लिए खामेनेई को एक पत्र लिखा है. हालांकि ईरान ने कहा है कि उसे कोई भी पत्र नहीं मिला है. ट्रंप प्रशासन ने एक बार फिर पहले की तरह ईरान पर ‘अधिकतम दबाव’ की नीति लागू कर दी है. इसके जरिए अमेरिका ईरान की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने और उसके तेल निर्यात को शून्य तक लाने की कोशिश में जुटा है.

ईरान पर दबाव बढ़ाने में लगा अमेरिका
ट्रंप ने सोमवार को प्रतिबंधों में दी गई छूट को समाप्त करके दबाव बढ़ाने की कोशिश की. इस छूट के तहत इराक को ईरान से बिजली खरीदने की इजाजत दी गई थी. ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने इस कदम की निंदा करते हुए कहा कि ईरान ‘दबाव और धमकी में बातचीत नहीं करेगा.’ 2015 में राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ईरान और प्रमुख शक्तियों के साथ ऐतिहासिक समझौता किया था. इसमें ईरान को अपने परमाणु कार्यक्रम पर अंकुश लगाने के बदले प्रतिबंधों में छूट देने का वादा किया गया था. ट्रंप के आने के बाद यह समझौता टूट गया.

ईरान ने किया सैन्य अभ्यास
ईरान ने मंगलवार को चीन और रूस के साथ संयुक्त नौसैनिक अभ्यास किया, जिसे मैरिटाइम सिक्योरिटी बेल्ट 2025 नाम दिया गया. यह अभ्यास ओमान की खाड़ी में हुआ, जो रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण होर्मुज जलडमरूमध्य के पास मौजूद है. इस हिस्से से दुनिया के कुल तेल व्यापार का पांचवां हिस्सा गुजरता है. यह पांचवां साल है जब तीनों देशों ने इस मिलिट्री एक्सरसाइज में हिस्सा लिया है.

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