16 की उम्र में प‍िता को खोया, पर‍िवार चलाने के ल‍िए बेचा दूध, अब है दुबई का सबसे अमीर भारतीय, करता है ये करोबार

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Last Updated:January 11, 2025, 23:09 ISTआज आपकी मुलाकात एक ऐसे शख्‍स से कराते हैं जो मुंबई की झुग्गी-झोपड़ियों से निकलकर बिजनेस का बादशाह बन गया. ज‍िसने पर‍िवार के भरण पोषण के ल‍िए दूध बेचा और देखते ही देखते वह दुबई का सबसे धनवान भारतीय बन गया. नई द‍िल्‍ली. कहते हैं क‍ि वक्‍त एक जैसा नहीं रहता. लेक‍िन वक्‍त बदलने में आपके मेहनत और नजर‍िए की जरूरत कदम-कदम पर पड़ती है. बात नजर‍िए की इसल‍िए है क्‍योंक‍ि जो कबाड़ क‍िसी एक को कूड़ा नजर आता है, वहीं क‍िसी और ब‍िजनेस का मौका द‍िखता है. आज हम आपके साथ एक ऐसे इंसान की  कहानी शेयर कर रहे हैं ज‍िसका सफर आपको उस कहावत की याद द‍िलाएगा, ज‍िसमें राख से स‍ितारों तक की बात कही गई है.

ये कहानी है रिजवान साजन की के सफर की, जो आज यूएई में एक एक ऐसा भारतीय ब‍िजनेसमैन हैं, जिसे फोर्ब्‍स मिडिल ईस्ट की ‘यूएई में टॉप 100 भारतीय लीडर्स की ल‍िस्‍ट में 12वां स्थान दिया गया है. र‍िजवान दुबई के सबसे धनी भारतीय कारोबारी हैं. मुंबई के स्‍लम में रहने वाला र‍िजवान साजन दुन‍िया का सबसे धनी भारतीय करोबारी कैसे बना, आइये जानते हैं…

मुंबई के स्‍लम में हुआ बड़ासाजन का जन्‍म मुंबई में हुआ लेक‍िन उनके सामने चुनौत‍ियां इंतजार कर रही थीं. 16 साल की उम्र में उनके प‍िता का देहांत हो गया. इसके बाद पूरे पर‍िवार की ज‍िम्‍मेदारी उनके कांधे पर ही आ गई. पर‍िवार का खर्च चलाने के ल‍िए साजन ने कई तरह के काम क‍िए. उन्‍होंने दूध भी बेचा. किताबें और पटाखे बचे, चने भी बेचे. साजन ने वो सब क‍िया, ज‍िससे, उनके घर का खर्च चल जाए.

इसी क्रम में वो साल 1981 में कुवैत गए, ताक‍ि ज्‍यादा पैसे कमा सकें. वहां उन्‍होंने एक ट्रेनी सेल्‍समैन की नौकरी शुरू की. दरअसल, वहां साजन के चाचा के सप्‍लाई स्‍टोर में उनकी नौकरी लगी थी. अपनी मेहनत और दृढ़ न‍िश्‍चय से वो आगे बढ़ने में कामयाब हुए. उन्‍होंने यहां काम करते हुए इंडस्‍ट्री का पूरा एक्‍सपीर‍िंंस ले ल‍िया. लेक‍िन साल 1991 में हुए गल्‍फ वॉर की वजह से उन्‍हें मुंबई वापस लौटना पड़ा.

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लेक‍िन साजन चुप नहीं बैठे. वो साल 1993 में दुबई चले गए. वहां उन्‍होंने एक हार्डवेयर स्‍टोर में काम शुरू क‍िया. कुछ हजार द‍िरहम जुटाकर उन्‍होंने वहीं एक छोटा सा ब‍िजनेस शुरू कर द‍िया और उसे नाम द‍िया डानुबे.

साजन की दूरदृष्टि और नेतृत्व में डानुबे का छोटा व्यापारिक व्यवसाय तेजी से बढ़ा. आज, डानुबे सालाना 5 बिलियन से ज्‍यादा AED का राजस्व अर्जित करता है और खाड़ी, एशिया और अफ्रीका में इसकी धाक देखी जा सकती है.

अब, लगभग 2.5 बिलियन डॉलर (20750 करोड़ रुपये) की कुल संपत्ति के साथ, रिजवान साजन की कहानी दुन‍िया के उस सभी लोगों के ल‍िए प्रेरणा है, जो जीवन में कुछ बनना चाहते हैं.

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