‘सिर्फ भेदभाव के कारण ही खत्म हो गया मेरा करियर’, दानिश कनेरिया का बयान वायरल

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Pakistan’s Last Hindu Cricketer : अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति के मुद्दे पर गुरुवार (13 मार्च) को कांग्रेस की एक बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में पाकिस्तान के पूर्व और आखिरी हिंदू क्रिकेटर दानिश कनेरिया भी शामिल हुए.

इस दौरान पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर दानिश कनेरिया ने इस बैठक में पाकिस्तान में उनके साथ किए गए भेदभाव के बारे में बताया और कैसे बाकी लोग वहां उनसे व्यवहार करते थे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में बराबरी का सम्मान न मिलने और भेदभाव होने के कारण उनका करियर बर्बाद हो गया.

पाकिस्तान में हुए भेदभाव को लेकर क्या बोले दानिश?

पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर दानिश कनेरिया ने अमेरिकी कांग्रेस में बैठक के आयोजन पर शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा, “आज हम सभी यहां इकट्ठा हुए हैं और पाकिस्तान में किस तरह से बर्ताव किया गया, उसके अनुभवों को भी शेयर किया. हमने काफी भेदभाव का सामना किया है और आज हमने इसके खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है.”

उन्होंने कहा, “मैंने भी पाकिस्तान में काफी ज्यादा भेदभाव का सामना किया है और इसी वजह से मेरा क्रिकेट करियर पूरी तरह से बर्बाद हो गया. मुझे पाकिस्तान में उस तरह का सम्मान और समान भाव नहीं मिला, जिसका मैं पूरी तरह से हकदार था. पाकिस्तान में हुए उसी भेदभाव की वजह से आज यहां संयुक्त राज्य अमेरिका में हूं. हमने जागरूकता बढ़ाने के लिए बातचीत की है और संयुक्त राज्य अमेरिका से वो सब बताया जिसे यह पता चल सके कि हमने पाकिस्तान में कितना कुछ सहा है ताकि उस कार्रवाई की जा सके.

पाकिस्तान के लिए दानिश ने खेले थे 61 टेस्ट क्रिकेट मैच

उल्लेखनीय है कि पूर्व क्रिकेटर दानिश कनेरिया ने पाकिस्तान के लिए कुल 61 टेस्ट क्रिकेट मैच खेला है. वो अनिल दलपत के बाद पाकिस्तान की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले मात्र दूसरे हिंदू क्रिकेटर थे.

शाहिद अफरीदी को लेकर किया दावा

पाकिस्तान क्रिकेट टीम में सबसे ज्यादा विकेट चटकाने वाले स्पिनर दानिश कनेरिया ने साल 2023 में शाहिद अफ्रीदी को लेकर बहुत बड़ा दावा किया. उन्होंने कहा, “शाहिद अफ्रीदी बार-बार उन्हें अपना धर्म बदलने के लिए दबाव डालते थे.” उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी क्रिकेट टीम में सिर्फ इंजमाम-उल-हक ही एक ऐसा कैप्टन थे, जिन्होंने हमेशा उनका समर्थन किया.

उन्होंने कहा, “मैं अपने करियर में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहा था और काउंटी क्रिकेट भी खेल रहा था. इंजमाम-उल-हक ने इस दौरान मेरा काफी समर्थन किया और वह इकलौते ऐसे कैप्टन थे, जिन्होंने मेरे साथ अच्छा व्यवहार रखा.

वहीं, दूसरी तरफ शोएब अख्तर, शाहिद अफ्रीदी और कई अन्य पाकिस्तानी खिलाड़ी थे, जिन्होंने हमेशा मुझे परेशान किया. वह मेरे साथ खाना तक नहीं खाते थे. वहीं, शाहिद अफ्रीदी वो एक मुख्य शख्स थे जो मुझसे बार-बार मेरा धर्म बदलने को कहते थे. लेकिन इंजमाम उल हक ने कभी मेरे साथ इस तरह से बात नहीं की.”

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