गए लेटलतीफी वाले दिन, IPO और म्‍यूचुअल फंड को धड़ाधड़ मंजूरी दे रहा है सेबी

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Last Updated:January 10, 2025, 12:12 ISTSEBI IPO Approval Time- सेबी ने आईपीओ और म्‍यूचुअल फंड आवेदनों को जल्‍द मंजूरी देने को कई कदम उठाए हैं. इसी वजह से इनकी पेंडेंसी में जबरदस्‍त कमी आई है. माधबी पुरी बुच ने दावा किया है अब आईपीओ आवेदन लंबे समय तक लटके नहीं रहते. नई दिल्‍ली. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने दावा किया है कि बाजार नियामक अब धड़ाधड़ म्यूचुअल फंड और प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) आवेदनों को मंजूरी दे रहा है. इसी वजह से अब एफएफ और आईपीओ की पेंडेंसी बहुत कम हो गई है. स्टॉक एक्सचेंज और डिपॉजिटरी के सहयोग से आयोजित एक संगोष्‍ठी को संबोधित करते हुए बुच ने कहा कि नवंबर 2024 तक केवल दो आईपीओ आवेदन छह महीने से अधिक पुराने थे, जबकि मार्च 2022 में यह संख्या आठ थी.

माधबी पुरी बुच ने कहा कि म्यूचुअल फंड आवेदनों के मामले में भी पेंडेंसी में कमी आई है. नवंबर 2024 तक केवल एक म्यूचुअल फंड आवेदन छह महीने से अधिक पुराना था, जबकि मार्च 2022 में यह संख्या 69 थी. उन्होंने कहा कि आईपीओ या म्‍यूचुअल फंड आवेदन लंबे समय तक अटके न रहे, इसके लिए सेबी ने कई कदम उठाए हैं. उन्‍हीं की वजह से अब आवेदन को मंजूरी देने में लगने वाला समय काफी घट गया है.

राइट्स इश्यू और प्रेफरेंशियल इश्यू को बढ़ावामाधबी पुरी बुच ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में इक्विटी के माध्यम से पूंजी जुटाने में वृद्धि हुई है, लेकिन प्राथमिक बाजार में राइट्स इश्यू और प्रेफरेंशियल इश्यू पर कम ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने कहा, “हमने राइट्स इश्यू को बढ़ावा देने के लिए फास्ट-ट्रैक राइट्स इश्यू की प्रक्रिया शुरू की है, जिसे प्रेफरेंशियल इश्यू के साथ जोड़ा गया है.”७

उन्होंने यह भी कहा कि जैसे पूंजी निर्माण अर्थव्यवस्था के विकास के लिए महत्वपूर्ण है, वैसे ही वित्तीय समावेशन भी जरूरी है. इसी उद्देश्य से ₹250 एसआईपी (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) को प्रस्‍तावित किया गया है. सेबी अध्यक्ष ने भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष चल्ला श्रीनिवासुलु से अपील की कि वे अपने म्यूचुअल फंड व्यवसाय के माध्यम से इस माइक्रो-एसआईपी को बढ़ावा दें. ₹250 एसआईपी जल्द ही लॉन्च होने की उम्मीद है, हालांकि इसकी आधिकारिक तारीख अभी नहीं बताई गई है.

आरईआईटी, इन्विट्स और म्युनि-बॉन्ड्स में संभावनाएंसेबी अध्यक्ष ने रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (आरईआईटी), इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (इन्विट्स), और म्युनिसिपल बॉन्ड्स (म्युनि-बॉन्ड्स) की संभावनाओं पर भी अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में अगले 10 वर्षों में बड़ी वृद्धि की संभावना है. माधबी पुरी बुच ने कहा कि एमएससीआई इंडेक्स में भारत की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है. पूंजी बाजार में पारदर्शिता बढ़ी है, बल्कि वित्तीय समावेशन और निवेशकों के लिए नए अवसर भी पैदा हुए हैं.

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