बजट में किसानों को मिल सकता है तोहफा, KCC को लेकर हो सकता है बड़ा ऐलान

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Last Updated:January 11, 2025, 09:49 ISTKisan Credit Card- किसान क्रेडिट कार्ड से किसानों को 3 लाख तक का ऋण मिलता है. यह कर्ज बहुत कम ब्‍याज पर दिया जाता है. कर्ज सीमा को बढाने की मांग किसान लंबे समय से कर रहे हैं. बजट 2025 में उनकी यह मांग पूरी…और पढ़ेंकिसान क्रेडिट कार्ड योजना 1998 में शुरू की गई थी. नई दिल्ली. अगले महीने पेश होने वाले बजट में सरकार किसानों को बड़ा तोहफा दे सकती है. वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट में किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की उधारी सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की की घोषणा कर सकती है. ग्रामीण मांग को बढ़ावा देने और किसानों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया जा सकता है. वित्त वर्ष 2025-26 का बजट 1 फरवरी को लोकसभा में पेश किया जाएगा.e

किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) पर उधारी की सीमा लंबे समय से नहीं बढ़ाई गई है. किसान और कृषि संगठन सरकार से ऋण सीमा को बढाने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं. अगर कर्ज सीमा को 3 लाख रुपये से बढाकर पांच लाख किया जाता है तो इससे न केवल किसानों को सस्ती दरों पर कर्ज मिलेगा, बल्कि उनकी आय में भी इजाफा होगा.

बिजनेस स्‍टैंडर्ड की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि किसान क्रेडिट कार्ड की कर्ज सीमा बढाने के साथ ही सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को अधिक प्रभावी बनाने पर भी विचार कर रही है. इसमें फसल नुकसान पर मुआवजे की प्रक्रिया को तेज और सरल बनाने के लिए राज्य सरकारों की भूमिका कम करने की योजना शामिल है.

1998 में शुरू हुआ था किसान क्रेडिट कार्ड 1998 में शुरू की गई किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत किसानों को अल्पकालिक फसल ऋण 9% ब्याज दर पर दिया जाता है. सरकार 2% ब्याज में छूट देती है, और समय पर कर्ज चुकाने वाले किसानों को 3% की अतिरिक्त छूट मिलती है. इस तरह किसानों को केवल 4% की ब्याज दर पर कर्ज उपलब्ध होता है. 30 जून 2023 तक, इस योजना के तहत 7.4 करोड़ से अधिक सक्रिय खाते थे, जिन पर 8.9 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बकाया था. अक्टूबर 2024 तक, सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों ने 167.53 लाख केसीसी जारी किए, जिनकी कुल क्रेडिट लिमिट 1.73 लाख करोड़ रुपये थी. इसमें डेयरी किसानों और मत्स्यपालकों के लिए अलग-अलग क्रेडिट लिमिट शामिल हैं.

आय में होगा सुधार एडवारिस्क के सीईओ विशाल शर्मा ने कहा कि खेती की लागत बढ़ने के बावजूद KCC की उधारी सीमा कई सालों से नहीं बढ़ाई गई है. उन्होंने कहा, “इस इजाफे से कृषि उत्पादन और आय में सुधार होगा. किसान समय पर कर्ज चुका पाएंगे, जिससे बैंकिंग प्रणाली का जोखिम भी कम होगा.”नाबार्ड के चेयरमैन शाजी केवी ने बताया कि KCC का उद्देश्य न केवल बड़े किसानों, बल्कि छोटे जोत वाले किसानों और पशुपालन व मत्स्यपालन जैसी गतिविधियों में लगे लोगों को भी वित्तीय मदद देना है. नाबार्ड राज्य सरकारों को मत्स्यपालकों का पंजीकरण बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, ताकि उन्हें भी सस्ती दरों पर कर्ज मिल सके.

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