Immigration Rules in Germany : जर्मनी बीते कुछ समय से मजदूरों की कमी का चलते अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में संकट का सामना कर रहा है. इसी संकट को देखते हुए जर्मनी की सरकार ने पिछले साल भी अपने श्रम बाजार को बढ़ावा देने के लिए इमिग्रेशन नियमों में ढील दी थी. वह अभी भी कामगारों की कमी का सामना कर रहा है. ऐसे में अब जर्मनी की सरकार ने कुल श्रमिक वीजा की संख्या को बढ़ाने का निर्णय लिया है. सरकार ने रविवार (17 नवंबर) को इसकी जानकारी दी. इस निर्णय के मुताबिक, सरकार पिछले साल की तुलना में इस साल (2024) में 10 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला किया है. जर्मनी की सरकार का लिया हुआ यह भारत के लोगों के लिए खुशखबरी है. इस फैसले से भारतीयों का फायदा हो सकता है.
डीडब्ल्यू की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मन सरकार ने पिछले साल कनाडा से प्रेरित एक प्वाइंट बेस्ड सिस्टम को अपनाया था. जिसे ऑप्युर्चिनिटी कार्ड के रूप में जाना जाता है. इसके तहत पेशेवरों और विश्वविद्यालय के स्नातकों के लिए देश में प्रवेश दिलाने, पढ़ाई करने और काम की तलाश को काफी आसान बना देता है. इससे गैर-यूरोपीय संघ के देशों के कुशल कामगारों को उनकी योग्यता को मान्यता दिए बिना जर्मनी में प्रवेश करने की अनुमति मिल गई है.
जर्मन सरकार ने दिया संयुक्त बयान
जर्मन सरकार के तीन मंत्रालयों ने एक संयुक्त बयान जारी किया है. इसमें उन्होंने कहा कि इस साल के अंत तक लगभग 2 लाख पेशेवर वीजा जारी किए जाएंगे. इसमें साल 2023 के मुकाबले इस साल 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. इससे गैर-ईयू देशों के छात्रों को जारी किए गए वीजा में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
जर्मनी की मंत्री ने क्या कहा ?
जर्मनी की गृह मंत्री नैंसी फेसर ने कहा, ‘प्रतिभाशाली युवा जर्मनी में अपनी पढ़ाई और ट्रेनिंग ज्यादा सरलता से पूरी कर सकते हैं. ऑप्युर्चिनिटी कार्ड कुशल लोगों को सरलता से नौकरी पाने का मौका दे रहा है. वहीं, मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने इन सुधारों की सराहना की है और कहा कि देश में श्रम की कमी को इससे पूरा किया जा सकेगा.’
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