पन्नू ने भारत के ‘दोस्त’ को किया टारगेट, बोला- निज्जर के मर्डर में की मदद

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पन्नू ने भारत के ‘दोस्त’ को किया टारगेट, बोला- निज्जर के मर्डर में की मदद

वाशिंगटन. अमेरिका और कनाडा में बसे खालिस्तान समर्थक संगठन सिख्स फॉर जस्टिस के सरगना गुरुपतवंत सिंह पन्नू ने अब एक नया शिगूफा छोड़ा है. पन्नू ने दावा किया कि कनाडा में रहने वाले खालिस्तान समर्थक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की साजिश में भारत के दोस्त देश रूस ने मदद की है. सीएनएन-न्यूज18 को पता चला है कि सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने कहा कि कनाडा में रूसी दूतावास ने भारतीय अधिकारियों के साथ ‘सिग्नल इंटेलिजेंस’ शेयर करके खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में मदद की. आतंकी संगठन ने कनाडा में रूसी राजदूत व्लादिमीर सेवस्त्यानोविच स्टेपानोव और अमेरिका में भारतीय राजदूत विनय क्वात्रा को ‘ट्रैक’ करने के लिए 25,000 डॉलर की पेशकश भी की है.

एसएफजे के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू ने दावा किया है कि ‘खालिस्तान समर्थक सिखों के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का समर्थन रूस के लिए मौत की घंटी है.’ उन्होंने कहा कि क्वात्रा, स्टेपानोव के साथ मिलकर अमेरिका और कनाडा में निगरानी और जासूसी नेटवर्क चला रहे हैं. अलगाववादी समूह ने ये भी दावा किया है कि रूस ने कनाडा में रॉ चीफ पवन कुमार राय को ‘सिग्नल इंटेलिजेंस’ प्रदान करके निज्जर की हत्या में मदद की, जिन्हें जस्टिन ट्रूडो सरकार ने निष्कासित कर दिया है.

पन्नू का नया शिगूफा
पन्नू ने ‘रूस-भारत के आतंकी गठजोड़’ के खिलाफ कार्रवाई की अपील करते हुए क्वात्रा और स्टेपानोव के किसी भी आगामी सार्वजनिक प्रोग्राम के बारे में जानकारी देने के लिए 25,000 डॉलर का इनाम घोषित किया. पन्नू ने कहा कि, ‘खालिस्तान समर्थक सिख कनाडा और अमेरिकी धरती पर खालिस्तान समर्थक सिखों पर हिंसक हमलों में उनकी भूमिका के बारे में भारतीय और रूसी राजदूतों से सवाल पूछने जा रहे हैं.’ एसएफजे ने दावा किया कि ओटावा में रूसी दूतावास ने मई 2023 में निज्जर के टेलीग्राम अकाउंट को हैक कर लिया था, ताकि भारत को उसकी गतिविधियों पर नज़र रखने में मदद मिल सके. जिसके कारण 18 जून को सरे के गुरु नानक सिख गुरुद्वारा में उसकी हत्या कर दी गई.

वकालत चमकाने की कोशिश
पन्नू ने दावा किया कि रूसी एजेंसी ने पन्नू के टेलीग्राम अकाउंट को हैक कर लिया और हत्या की साजिश रचने के लिए रॉ अधिकारियों के साथ लोकेशन और मूवमेंट शेयर किए. दिसंबर में, यूएस सिक्योरिटी फर्म आईवेरिफाई ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया कि पन्नू का स्मार्टफोन स्पाइवेयर का टारगेट था, जो उसकी लोकेशन और रोजाना की गतिविधियों पर नजर रख रहा था. जबकि भारत के टॉप खुफिया सूत्रों ने कहा कि मौजूदा राजनयिक संकट के कारण पन्नू कनाडा और अमेरिका की भाषा बोल रहा है. उन्होंने कहा कि वह एक वैश्विक आतंकवादी है और जल्द ही, उसे बचाने वाले सभी देशों के साथ और अधिक जानकारी साझा की जाएगी. वह 1984 के बाद पैदा हुए भारत के युवाओं को भारत के खिलाफ काम करने और विदेश में बसने के लिए उकसाने की कोशिश कर रहा है, ताकि उसे वकील के तौर पर फीस मिल सके.

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