Last Updated:January 10, 2025, 06:16 IST
Donald Trump News: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को फिर झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने रहम दिखाने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने 5-4 के फैसले में कहा कि हश मनी मामले में डोनाल्ड ट्रंप को आज यानी शुक्रवार को सजा…और पढ़ें
वाशिंगटन. 20 जनवरी को शपथ से पहले सजा टालने को डोनाल्ड ट्रंप हर चाल चल रहे हैं. कभी हाईकोर्ट जाते हैं तो कभी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हैं. हश मनी केस में डोनाल्ड ट्रंप को फिर भी राहत नहीं मिल पा रही है. सुप्रीम कोर्ट ने भी डोनाल्ड ट्रंप पर रहम दिखाने से इनकार कर दिया है. जी हां, अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति चुने गए डोनाल्ड ट्रंप की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने न्यू यॉर्क में चल रहे हश मनी मामले में अपनी सजा टालने की मांग की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने 5-4 के फैसले में कहा कि डोनाल्ड ट्रंप को आज सजा सुनाई जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का मतलब है कि अब जज जुआन एम मर्चेन आज यानी शुक्रवार को ट्रंप को सजा सुना सकेंगे. ट्रंप को हश मनी केस मामले में दोषी ठहराया गया था. आरोप है कि ट्रंप ने पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को 1.3 लाख डॉलर हश मनी (चुप रहने के बदले पैसे) के तौर पर देने की कोशिश की थी. ट्रंप ने डेनियल्स के साथ किसी भी तरह के संबंध होने या कुछ भी गलत करने से इनकार किया है.
हालांकि, जज मर्चेन पहले ही कह चुके हैं कि वो ट्रंप को जेल नहीं भेजेंगे और न ही उन पर कोई जुर्माना लगाएंगे या प्रोबेशन पर रखेंगे. लेकिन ट्रंप के वकीलों का तर्क है कि मैनहट्टन ट्रायल में जिस सबूत का इस्तेमाल किया गया, वो पिछली गर्मियों में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन करता है. उसमें राष्ट्रपति के तौर पर किए गए कामों के लिए ट्रंप को अभियोजन से व्यापक इम्यूनिटी दी गई थी.
ट्रंप के वकीलों का कहना है कि कम से कम सजा को तब तक के लिए टाल देना चाहिए, जब तक उनकी अपील पर सुनवाई नहीं हो जाती, ताकि राष्ट्रपति पद के लिए ट्रांजिशन के दौरान ट्रंप का ध्यान न भटके. दूसरी तरफ अभियोजकों ने कहा कि कोर्ट के लिए अब इस मामले में दखल देने का कोई कारण नहीं है. ट्रंप के वकील यह नहीं बता पाए कि एक घंटे की वर्चुअल सुनवाई से कोई खास व्यवधान क्यों पड़ेगा. अगर इसे टाला जाता है तो मामला 20 जनवरी को नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण के बाद ही आगे बढ़ पाएगा और अगर सजा होती भी है तो इसमें कई सालों की देरी हो सकती है.
दरअसल, जब न्यू यॉर्क की अदालतों ने सजा टालने से इनकार कर दिया तो ट्रंप के वकील सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. गुरुवार को न्यूयॉर्क की सबसे बड़ी अदालत ने भी सजा टालने से इनकार कर दिया था. न्यूयॉर्क की अदालतों ने पाया है कि बिजनेस रिकॉर्ड में हेरफेर के 34 मामलों में दोषी ठहराए जाने के मामले ट्रंप के राष्ट्रपति के तौर पर आधिकारिक कामों से नहीं, बल्कि उनके निजी मामलों से जुड़े थे. डेनियल्स का कहना है कि 2006 में उनका ट्रंप के साथ संबंध बना था. ट्रंप इससे इनकार करते हैं.
ट्रंप के वकीलों ने इस मामले को राजनीति से प्रेरित बताया. कहा कि उन्हें अभी सजा देना ‘बहुत बड़ा अन्याय’ होगा. इससे राष्ट्रपति पद के ट्रांजिशन में भी बाधा आएगी, क्योंकि रिपब्लिकन नेता व्हाइट हाउस में वापसी की तैयारी कर रहे हैं. ट्रंप का प्रतिनिधित्व डी जॉन सॉयर कर रहे हैं. ट्रंप ने इन्हें सॉलिसिटर जनरल बनाने का फैसला किया है. यह पद हाईकोर्ट में सरकार का प्रतिनिधित्व करता है.
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