Agency:News18Hindi
Last Updated:January 26, 2025, 12:46 IST
Donald Trump: डोनाल्ड ट्रंप के जन्मसिद्ध नागरिकता समाप्त करने के आदेश के बाद भारतीय गर्भवती महिलाएं समय से पहले सीजेरियन कराने पर विचार कर रही हैं. इन खबरों के आने के बाद एक्सपर्ट्स इसे खतरनाक और अनैतिक बता रहे…और पढ़ें
अमेरिका की नागरिकता के लिए कई गर्भवती भारतीय महिलाएं ऑपरेशन कराने पर विचार कर रही हैं. (Reuters/AP)
हाइलाइट्स
- डोनाल्ड ट्रंप ने जन्म से मिलने वाली अमेरिकी नागरिकता खत्म की
- गर्भवती भारतीय महिलाएं ऑपरेशन के जरिए बच्चे जन्म देने का विचार कर रही हैं
- एक्सपर्ट्स ने मां और बच्चे के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव की चेतावनी दी है
वॉशिंगटन: अमेरिकन ड्रीन एक ऐसा शब्द है, जिसे सुनकर अमेरिका में समान अवसर की कल्पना की जाती है. लेकिन आज इसी अमेरिकन ड्रीम के कारण उन बच्चों की जिंदगी पर बन आई है जो अभी पैदा भी नहीं हुए हैं. दरअसल अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप ने जन्म से मिलने वाली नागरिकता को एक कार्यकारी आदेश से खत्म कर दिया है. यह आदेश 20 फरवरी से लागू होगा. आदेश लागू होने से पहले कई गर्भवती भारतीय महिलाएं समय से पहले सीजेरियन सर्जरी के जरिए अपने बच्चों को जन्म देने पर विचार कर रही हैं. ऐसा इसलिए ताकि उनके बच्चों को अमेरिका की नागरिकता मिल जाए. लेकिन इसे लेकर अब एक्सपर्ट्स चेतावनी दे रहे हैं. अमेरिका के न्यू जर्सी स्थित कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अविनाश गुप्ता ने चेतावनी दी है कि इस तरह की सर्जरी ‘अनैतिक’ होगी और मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक हो सकती है.
राष्ट्रपति बनते ही ट्रंप ने कई आदेशों पर हस्ताक्षर किया. उनमें से ही एक आदेश जन्म से मिलने वाली नागरिकता को खत्म करना है. आदेश के मुताबिक बच्चों के माता या पिता में से किसी एक के पास अमेरिका की नागरिकता होनी चाहिए. अगर दोनों के पास अमेरिका की नागरिकता नहीं होगी तो बच्चों को भी यह नहीं मिलेगी. डॉ. गुप्ता ने कहा कि आदेश जारी होने के बाद उन्होंने इन खबरों के बारे में सुना है. उन्होंने कहा, ‘अगर कोई सीजेरियन कराना चाहता है तो डिलीवरी की तारीख को एक सप्ताह या उससे भी कम समय तक एडजस्ट किया जा सकता है. लेकिन अगर कोई महिला 7 या 8 महीने की प्रेगनेंट है और समय से पहले डिलीवरी कराई जाती है तो यह मां और बच्चे दोनों के लिए अच्छा नहीं होगा. बच्चा नवजात ICU में पहुंच सकता है.’
क्या हो सकता है खतरा?
उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि कोई भी डॉक्टर इसके लिए तैयार होगा. क्योंकि यह कदाचार माना जाएगा और जब तक बच्चा 18 साल का नहीं हो जाता तब तक डॉक्टर उत्तरदायी हैं, इसलिए कोई भी यह जोखिम नहीं उठाएगा. अगर बच्चे को नुकसान हुआ तो लाखों डॉलर का जुर्माना डॉक्टरों पर लग सकता है.’ भारत में मौजूद स्वास्थ्य विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इसे लेकर चेतावनी दी है. ‘पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया’ की कार्यकारी निदेशक पूनम मुत्तरेजा ने इस तरह के जल्दबाजी में लिए गए निर्णयों के अनपेक्षित और हानिकारक परिणामों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा, ‘जन्मजात नागरिकता कानूनों में बदलाव से जुड़ी आशंकाओं से को लेकर समय से पहले बच्चों का जन्म प्रसूता और शिशु, दोनों के स्वास्थ्य को काफी जोखिम में डाल देता है. समय से पहले जन्म लेने वाले शिशुओं को सांस लेने में समस्या, संक्रमण, विकास संबंधी बाधा और व्यवहार संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जबकि माताओं को संक्रमण, ऑपरेशन से जुड़ी जटिलता तथा दीर्घकालिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का खतरा रहता है.’
मां-बच्चे का स्वास्थ्य जरूरी
डॉ. गुप्ता ने कहा कि उनका संदेश यह होगा समय से पहले ऑपरेशन से बच्चों को दुनिया में लाने से बचना चाहिए. लोगों को अपने डॉक्टरों की बात सुननी चाहिए. उनके डॉक्टर जो कहें वैसा ही करना चाहिए. सबसे जरूरी बात मां और बच्चे का स्वास्थ्य है. उनका कहना है कि ट्रंप का यह कार्यकारी आदेश अदालत में नहीं टिक पाएगा. उन्होंने कहा कि अवैध प्रवासियों पर हो सकता है यह कानून लागू हो. लेकिन जो लोग अमेरिका में वीजा लेकर आए हैं शायद ही उनके ऊपर यह कानून लगे.
(एजेंसी इनपुट के साथ।)
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January 26, 2025, 12:44 IST
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