हाल ही में टेलीग्राम(Telegram) के संस्थापक और सीईओ पावेल डुरोव को गिरफ़्तार किया गया है। उन्हें शनिवार को उस समय गिरफ़्तार किया गया जब वे अपने निजी जेट से फ्रांस पहुंचे थे।
हाल ही में टेलीग्राम(Telegram) के संस्थापक और सीईओ पावेल डुरोव को गिरफ़्तार किया गया है। उन्हें शनिवार को उस समय गिरफ़्तार किया गया जब वे अपने निजी जेट से फ्रांस पहुंचे थे। पेरिस में फ्रांसीसी पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ़्तार किए जाने के बाद, एक फ्रांसीसी न्यायाधीश ने डुरोव की हिरासत की प्रारंभिक अवधि बढ़ा दी। इससे पुलिस को पावेल डुरोव को 96 घंटे तक हिरासत में रखने की अनुमति मिल गई। फ्रांस और रूस की दोहरी नागरिकता रखने वाले 39 वर्षीय डुरोव को शनिवार को अज़रबैजान से फ्रांस में उतरने के बाद पेरिस-ले बॉर्गेट हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया।
पावेल डुरोव पर क्या आरोप है?
टेलीग्राम(Telegram) के सीईओ पावेल डुरोव पर अपने प्लेटफॉर्म का अवैध इस्तेमाल करने का आरोप है। टेलीग्राम के जरिए यहां-वहां ड्रग तस्करी और बाल यौन शोषण की तस्वीरें बेची जा रही हैं।
1984 में रूस में जन्मे पावेल डुरोव के पास फ्रांस की नागरिकता भी है। डुरोव ने 2006 में सोशल मीडिया साइट VKontakte की शुरुआत की थी, जो रूस में काफी लोकप्रिय है। हालांकि, साइट के नए मालिकों के संचालन के तरीके पर विवाद के कारण उन्हें 2014 में कंपनी छोड़नी पड़ी थी। डुरोव ने इससे कुछ समय पहले ही टेलीग्राम बनाया था। यह प्लेटफॉर्म संचार और आदान-प्रदान के साथ-साथ एन्क्रिप्शन की सुरक्षा भी प्रदान करता है, जिससे अपराधों को ट्रैक करना और उनसे निपटना पहले से कहीं अधिक कठिन हो गया है।
टेलीग्राम(Telegram) ने क्या कहा?
मैसेजिंग प्लेटफॉर्म टेलीग्राम(Telegram) ने सोमवार को कहा कि फ्रांस में गिरफ्तार किए गए सीईओ पावेल डुरोव के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। यह दावा करना बेतुका है कि कोई प्लेटफॉर्म या उसका मालिक उस प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग के लिए जिम्मेदार है। रूस में जन्मे डुरोव को फ्रांस के पेरिस के पास ले बॉर्गेट एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया। उन पर टेलीग्राम पर आपराधिक गतिविधियों को रोकने में विफल रहने का आरोप है।
कंपनी ने कहा है कि वह ‘डिजिटल सेवा अधिनियम’ समेत यूरोपीय संघ के सभी नियमों का पालन करती है। कंपनी ने कहा है कि टेलीग्राम के सीईओ पावेल डुरोव के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। वह अक्सर यूरोप की यात्रा करते हैं। टेलीग्राम के दुनिया भर में 900 मिलियन से ज्यादा यूजर हैं और सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए इसका दुनियाभर में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। कंपनी ने आगे कहा, “टेलीग्राम यूरोपीय संघ के नियमों का पालन करता है। इसका मॉडरेशन इंडस्ट्री स्टैंडर्ड के मुताबिक होता है और हम इसमें लगातार सुधार कर रहे हैं।” दोषी पाए जाने पर हो सकती है 20 साल की जेल
अगर डुरोव को कोर्ट में दोषी करार दिया जाता है तो उन्हें 20 साल की जेल हो सकती है। टेलीग्राम(Telegram) के सीईओ पावेल डुरोव दुबई में रहते हैं। उनके पास यूएई और फ्रांस की नागरिकता है। उनके पास करीब 15.5 अरब डॉलर की संपत्ति है। रूसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीके पर विपक्ष को प्रतिबंधित करने के रूसी सरकार के दबाव के कारण ड्यूरोव ने 2014 में रूस छोड़ दिया था।
इस संबंध में फ्रांस में रूसी दूतावास द्वारा तत्काल कदम उठाए गए हैं। टेलीग्राम एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग की सुविधा देता है। इसमें उपयोगकर्ताओं को अनुयायियों तक सूचना को तेजी से प्रसारित करने के लिए “चैनल” भी बनाने होते हैं।
टेलीग्राम(Telegram) ऐप पर भारत भी सख्त
पेरिस में टेलीग्राम के प्रमुख पावेल ड्यूरोव की गिरफ्तारी के बीच सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय ने गृह मंत्रालय से जानकारी मांगी है कि क्या भारत में भी कोई उल्लंघन किया गया है। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। इस मुद्दे पर आईटी मंत्रालय को भेजे गए ईमेल का तत्काल कोई जवाब नहीं मिला। टेलीग्राम(Telegram) के संस्थापक और सीईओ ड्यूरोव को गिरफ्तारी वारंट तामील करने के दौरान पेरिस हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया था।
आईएएनएस के सूत्रों ने कहा कि फ्रांस के घटनाक्रम को देखते हुए आईटी मंत्रालय ने गृह मंत्रालय से टेलीग्राम के खिलाफ लंबित शिकायतों की जांच करने और संभावित कार्रवाई पर विचार करने को कहा है। सूत्रों के अनुसार, आईटी मंत्रालय ऐसे मामलों में जांच एजेंसी नहीं है और मंत्रालय के तहत गठित सीईआरटी-इन भी साइबर सुरक्षा अपराधों पर ध्यान केंद्रित करता है, न कि साइबर अपराधों पर।
आईएएनएस के अनुसार, “यहां असली सवाल यह है कि क्या कोई शिकायत है, क्या भारत में भी ऐसी ही स्थिति है, और स्थिति क्या है, और क्या कार्रवाई की जरूरत है।” यह पूछे जाने पर कि क्या टेलीग्राम(Telegram), एक मैसेजिंग ऐप होने के नाते, सुरक्षित पनाहगाह प्रावधान का हवाला दे सकता है, सूत्रों ने कहा कि उस स्थिति में उन्हें कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग करना होगा, आवश्यक होने पर जानकारी प्रदान करनी होगी और किसी भी जांच में सहायता करनी होगी।(source-zeebusiness)
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