उन्होंने कहा, ‘‘सवाल मंत्री पद का नहीं है, बल्कि जिस तरह से मेरा अपमान किया गया, उसका है। मैं कल अपने कार्यकर्ताओं और निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से चर्चा करने के बाद आपको इसके बारे में और बताऊंगा।’’ भुजबल ने कहा कि मंत्रिमंडल में जगह नहीं दिए जाने के बाद उन्होंने एनसीपी प्रमुख और उपमुख्यमंत्री अजित पवार से बात नहीं की है। भुजबल ने दावा किया कि उन्हें मंत्रिमंडल से इसलिए बाहर रखा गया क्योंकि उन्होंने मनोज जरांगे का विरोध किया था, जो नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘जब मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मराठा समुदाय को ओबीसी श्रेणी में शामिल करने की मांग कर रहे थे तो मैंने अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय के पक्ष में आवाज उठाई थी। लाडकी बहिन योजना और ओबीसी ने महायुति को चुनाव जीतने में मदद की।’’ भुजबल से जब उनके भविष्य के कदम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘देखते हैं। जहां नहीं चैना, वहां नहीं रहना।’’
फडणवीस ने रविवार को नागपुर में अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया और अपनी टीम में 39 नए सदस्यों को शामिल किया। इसमें बीजेपी से 19, शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना से 11 और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी से नौ विधायक शामिल थे। भुजबल उन 10 मंत्रियों में शामिल हैं जिन्हें नयी मंत्रिपरिषद से हटा दिया गया है, जिसमें 16 नए चेहरे हैं। पूर्व खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने अपनी निराशा व्यक्त की थी और राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में भाग नहीं लिया था। वे नासिक जिले में अपने निर्वाचन क्षेत्र येवला लौट गए।
politics, polittics news, political news, politics news hindi, hindi political news, hindi news today, latest news. political news today, election news, maharastra election news, election2024, elecion update, oxbig hindi, oxbig news network
English News