चचेरे भाई-बहनों को भी आपस में क्यों नहीं करनी चाहिए शादी, किन बीमारियों का रहता है खतरा?

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ब्रिटेन में एक कंजर्वेटिव पार्टी का नेता चचेरे भाई-बहनों के बीच होने वाली शादी के बीच आवाज उठा रहा है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक रिचर्ड होल्डन ने बुधवार को एक प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि चचेरे भाई-बहन के बीच शादी नहीं होनी चाहिए क्योंकि इससे कई सारी बीमारियों, विकलांगता और जेनेटिक डिसऑर्डर का खतरा काफी ज्यादा बढ़ता है. इससे काफी हद तक पब्लिक हेल्थ सिस्टम तक प्रभावित होती है. सांसद ने ऑक्सफोर्ड जर्नल ऑफ लॉ एंड रिलीजन में छपी रिसर्च के मुताबिक इन शादियों से होने वाले बच्चों में नॉर्मल बच्चे की तुलना में कई सारी जेनेटिक बीमारी का खतरा बढ़ता है. यह महिलाओं के हेल्थ की सुरक्षा के लिए भी काफी ज्यादा खतरनाक है. 

कई सालों से यह संदेह किया जाता रहा है कि ब्लड रिलेशन के बीच विवाह से बच्चे को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. अब, ब्लड रिलेशन से विवाहों से पैदा हुए 11,000 से अधिक बच्चों से जुड़े इस मुद्दे का विस्तृत विश्लेषण करने पर पता चला है कि उनमें से 386 में जन्मजात विसंगतियां हैं. 3 प्रतिशत का यह आंकड़ा गैर-रक्त-संबंधी विवाहों से पैदा हुए बच्चों के 1.6 प्रतिशत के आंकड़ों के विपरीत है.

पाकिस्तान की रिपोर्ट क्या कहती है

 लीड्स, यू.के. के डॉ. इमोन शेरिडन और उनके सहयोगियों ने इन परिणामों को प्राप्त करने के लिए ब्रैडफोर्ड में जन्मे कहे जाने वाले इन शिशुओं का विश्लेषण किया. ब्रैडफोर्ड यू.के. में एक छोटा सा क्षेत्र है जहां पाकिस्तानी मुस्लिम जनसंख्या का 16.8 प्रतिशत हिस्सा हैं. एक घनिष्ठ समूह, वे रक्त-संबंध का अभ्यास करते हैं. उनमें से 75 प्रतिशत चचेरे भाई-बहनों से विवाह करते हैं.

द लैंसेट मेें छपी खबर के मुताबिक ऐसे विवाह से पैदा हुए शिशुओं में कई जन्मजात समस्याएं हो सकती हैं. हृदय संबंधी समस्याएं सूची में सबसे ऊपर हैं. इसके बाद तंत्रिका संबंधी विकार, अंग संबंधी है और इसी तरह की अन्य समस्याएं हैं. शेरिडन और उनके सहकर्मियों ने जीवनशैली, धूम्रपान और शराब पीने की आदतों, आय और गरीबी तथा अन्य कारकों का भी अध्ययन किया जो इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं, और पाया कि रक्त संबंध इसका मुख्य कारण है. 

मेडिकल संबंधी समस्याएं

जैसा कि पहले बताया गया है, इस तरह के विवाहों से कई चिकित्सा संबंधी जटिलताएं जुड़ी होती हैं. इसमें जन्म दोष और आनुवंशिक विकारों का दोगुना जोखिम शामिल है. यहां कुछ ऐसी बीमारियां बताई गई हैं जो इस तरह के विवाह से पैदा हुए बच्चों में आम हैं.

थैलेसीमिया

सिस्टिक फाइब्रोसिस

डाउन सिंड्रोम

शिशु मस्तिष्क पक्षाघात

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सुनाई और दिखाई देने में दिक्कत

माता-पिता की रक्त-सम्बन्धी कई पुरानी बीमारियों जैसे मोटापा, हृदय संबंधी विकार, मधुमेह और कुछ घातक बीमारियों के लिए भी एक पूर्वगामी कारक है . प्रजनन परिणाम को प्रभावित कर सकता है.

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देश इससे कैसे निपटते हैं

कुछ देश जहां रक्त-सम्बन्धी की दर अधिक है. वहां आनुवंशिक विकारों के वाहकों का पता लगाने के लिए परीक्षण और साथ ही आनुवंशिक परामर्श कार्यक्रम भी उपलब्ध हैं. सऊदी अरब और ईरान के कुछ हिस्सों में आनुवंशिक जटिलताओं के इतिहास वाले रक्त संबंधियों के लिए विवाह-पूर्व परामर्श अनिवार्य है.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 

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