तिरुपति भगदड़ मामले में दर्ज हुईं 2 FIR, जिस DSP ने खोला मंदिर का गेट, वहीं निकला जिम्मेदार?

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Tirupati Tragedy: तिरुपति के प्रसिद्ध भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में बुधवार (8 जनवरी) रात एक दर्दनाक भगदड़ की घटना घटी जिसमें छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 40 से ज्यादा लोग घायल हो गए. ये घटना तब हुई जब सैकड़ों श्रद्धालु भगवान के दर्शन के लिए उमड़े हुए थे और वे ‘वैकुंठ द्वार दर्शनम’ के लिए टिकट लेने की कोशिश कर रहे थे. ये विशेष अवसर 10 जनवरी से शुरू होने वाले 10 दिवसीय वैकुंठ द्वार दर्शनम का था जिसके लिए देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु तिरुपति पहुंचे थे. भगदड़ तब मची जब श्रद्धालुओं की भीड़ टिकट हासिल करने के लिए आगे बढ़ने लगी.
ये हादसा तिरुमला के बैरागी पट्टेदा क्षेत्र के एमजीएम स्कूल के पास हुआ जो मंदिर के पास एक व्यस्त क्षेत्र है. पुलिस के अनुसार भगदड़ की शुरुआत तब हुई जब एक बीमार महिला को बाहर निकालने के लिए मंदिर के गेट खोले गए. जैसे ही गेट खोला गया श्रद्धालुओं ने बिना इंतजार किए भागने की कोशिश की, जिससे भीड़ में अफरातफरी मच गई और लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे. इस भगदड़ की वजह से कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए और कुछ की मौके पर ही मौत हो गई. घायल व्यक्तियों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भेजा गया जहां उनका इलाज चल रहा है.
पुलिस ने BNSS के तहत दो FIR दर्ज की
पुलिस ने इस मामले में दो FIR दर्ज की हैं. इनमें से एक FIR भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 194 के तहत दर्ज की गई जो अप्राकृतिक मौतों से संबंधित होती है. पुलिस का कहना है कि प्राथमिक जांच में ये सामने आया है कि गेट खोलने का कदम एक पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) ने उठाया था, जो एक बीमार महिला को बाहर निकालने के लिए किया गया था. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि इस कदम को ज्यादा सावधानी से और मैनेजमेंट के तहत उठाया जाना चाहिए था, जिससे ये दुखद घटना टल सकती थी.
अधिकारियों की लापरवाही पर उठे सवाल
इस घटना के बाद कई सवाल उठ रहे हैं खासकर अधिकारियों की लापरवाही को लेकर. एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस और बाकी संबंधित अधिकारियों को इस तरह के मामलों में ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए थी. डीएसपी की ओर से गेट खोलने का कदम दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से भगदड़ का कारण बना. अधिकारी ने कहा कि उनका इरादा श्रद्धालुओं की मदद करना था, लेकिन ये कदम गलत समय पर उठाया गया जिससे बड़ी तबाही हुई. फिलहाल पुलिस और प्रशासन की ओर से जांच जारी है. 
सुरक्षा व्यवस्थाओं में सुधार की जरूरत
ये घटना सुरक्षा व्यवस्थाओं और भीड़ नियंत्रण की खामियों को उजागर करती है. तिरुपति जैसे बड़े धार्मिक स्थल पर इस तरह की स्थिति के लिए प्रभावी मैनेजमेंट की जरूरत है ताकि इस तरह की दुर्घटनाओं से बचा जा सके. अधिकारियों ने कहा है कि वे भविष्य में इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए बेहतर जरूरत और सुरक्षा उपायों को लागू करेंगे. 
ये भी पढ़ें: दुर्घटना के शुरुआती घंटे में इलाज न मिलने से लोगों की मौत पर सुप्रीम कोर्ट गंभीर, केंद्र से 2 महीने में कैशलेस इलाज की नीति बनाने को कहा

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