One Nation One Election Bill: केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने आज (17 दिसंबर) को लोकसभा में वन नेशन वन इलेक्शन के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया. इस बिल का विपक्ष ने जोरदार तरह से विरोध किया है. सपा, तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस ने इस विधेयक पर सवाल उठाए हैं.
इसी बीच शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि ये सिर्फ ध्यान भटकाने वाली बातें हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी मुद्दों की बात नहीं कर रहा है.
हरसिमरत कौर बादल ने कही ये बात
वन नेशन वन इलेक्शन बिल पर शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा, “ये सिर्फ ध्यान भटकाने वाली बातें हैं. जिन चीजों पर चर्चा होनी, उन मुद्दों पर कोई बात नहीं कर रहा है. सरकार और कांग्रेस दोनों ही सदन चलने नहीं देना चाहते हैं. वन नेशन वन इलेक्शन से किसे रोजगार मिलेगा? क्या इससे किसान का मुद्दा सुलझेगा?”
सपा और तृणमूल कांग्रेस ने जताया विरोध
वन नेशन वन इलेक्शन बिल पर तृणमूल कांग्रेस के नेता कल्याण बनर्जी ने कहा, “यह चुनावी सुधार नहीं है, एक व्यक्ति की महत्वाकांक्षाओं और सपनों को पूरा करने का प्रयास है तथा संविधान के मूल ढांचे पर हमला है. इस विधेयक से विधानसभाओं की स्वायत्तता छिन जाएगी.”
सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने लोकसभा में कहा, “यह विधेयक संविधान की मूल भावनाओं को खत्म करने और देश को तानाशाही की ओर ले जाने का प्रयास है, इसे वापस लिया जाए.”
‘संविधान के मूलभूत ढांचे के खिलाफ’
‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, “ये संविधान के मूलभूत ढांचे के खिलाफ है. संविधान की जो मूलभूत भावना है कि हमारा जो संघीय ढांचा है वो संघीय ढांचे में केंद्र और राज्य बराबर के हिस्सेदार हैं ये बिल पूरी तरह से इसके खिलाफ है इसलिए हम शुरू से इसका विरोध करते आ रहे हैं.”
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