जयपुर में आयोजित होने जा रहे आईफा अवॉर्ड्स 2025 पर विवाद गहराता जा रहा है। पहले मशहूर गायक सोनू निगम ने बेस्ट प्लेबैक सिंगर कैटेगरी में नॉमिनेशन न मिलने पर आयोजकों और राजस्थान प्रशासन पर दबाव बनाने का आरोप लगाया। अब राजस्थान की प्रसिद्ध लोकगायिका और अभिनेत्री इला अरुण ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की है।
आईफा के नॉमिनेशन लिस्ट में अपना नाम न देखकर सोनू निगम ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा- “धन्यवाद आईफा… आखिर आपको राजस्थान ब्यूरोक्रेसी को भी तो देना था जवाब।”
गायक का कहना है कि उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें भूल भुलैया 3 के सुपरहिट गाने के लिए नामांकन मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने इशारों में राजस्थान प्रशासन पर आयोजकों पर दबाव डालने का आरोप लगाया है।
ऐसा पहली बार नहीं है जब सोनू निगम और राजस्थान सरकार के बीच टकराव हुआ हो। दिसंबर 2024 में राइजिंग राजस्थान इवेंट के दौरान भी ऐसा हुआ था, जब मंच पर परफॉर्मेंस के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बीच में ही उठकर चले गए थे। तब भी सोनू निगम ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि “जाना है तो आया ही मत करो।”
लोक कलाकारों की अनदेखी पर इला नाराज
आईफा 2025 को लेकर अब मशहूर लोकगायिका और अभिनेत्री इला अरुण ने भी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री वोकल फॉर लोकल की बात करते हैं, लेकिन इस आयोजन में इसे पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया। जब कोई बड़ा कार्यक्रम विदेश में होता है, तब राजस्थान के कलाकारों को याद किया जाता है लेकिन जब राजस्थान में ही इतना बड़ा आयोजन हुआ, तब हमें शामिल करना उचित नहीं समझा गया।
उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान के प्रसिद्ध लोकनृत्य घूमर की प्रस्तुति तो दी गई, लेकिन उसमें स्थानीय कलाकारों को अवसर नहीं दिया गया। उन्होंने आयोजकों पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि हर बड़े आयोजन को ‘कुंभ’ कहना सही नहीं है।
आईफा और विवादों का पुराना नाता
आईफा अवॉर्ड्स इससे पहले भी भेदभाव, नेपोटिज्म और पारदर्शिता की कमी के आरोपों में घिर चुका है। 2017 में करण जौहर, वरुण धवन और सैफ अली खान ने मंच पर कंगना रनौत का मजाक उड़ाकर नेपोटिज्म रॉक्स का नारा दिया था, जिससे बड़ा विवाद खड़ा हुआ था। 2019 में अवॉर्ड जूरी पर आरोप लगा था कि उन्होंने व्यावसायिक रूप से सफल फिल्मों को नजरअंदाज कर पुरस्कार कुछ खास सितारों को दिए थे। 2023 में भी कई कलाकारों ने आईफा पर पक्षपात और फिक्सिंग के आरोप लगाए थे।
अब देखना होगा कि आईफा आयोजक या राजस्थान प्रशासन सोनू निगम और इला अरुण की नाराजगी पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। क्या यह मामला केवल एक कलाकार की नाराजगी तक सीमित रहेगा, या फिर आईफा अवॉर्ड्स में पारदर्शिता को लेकर एक नई बहस छिड़ेगी?