ढूंढोत्सव: नवजात शिशु के लिए मंगलकामना
होली के अवसर पर वागड़ क्षेत्र में ढूंढोत्सव मनाने की परंपरा है। परिवार में नवजात शिशु की पहली होली पर उसे माता-पिता के साथ होलिका दहन स्थल पर ले जाया जाता है। यहां विधिवत पूजन और होलिका की परिक्रमा करवाई जाती है। मान्यता है कि इस अनुष्ठान से शिशु निरोगी और दीर्घायु होता है।
2 of 5
राजस्थान
– फोटो : अमर उजाला
गांवों में गूंजता ढोल और राड़ का रोमांच
फाल्गुन मास के आगमन के साथ ही गांवों में ढोल-नगाड़ों की थाप गूंजने लगती है। गैर नृत्य की धूम होती है, जिसमें युवक पारंपरिक वाद्य यंत्रों की थाप पर नाचते हैं। वहीं फाल्गुन कृष्ण प्रतिपदा को रंगों की मस्ती के बीच दो टोलियां एक-दूसरे पर कंडे (गोबर के उपले) फेंककर राड़ खेलती हैं। यह केवल मनोरंजन नहीं बल्कि साहस और सहनशक्ति की परीक्षा भी होती है।
3 of 5
राजस्थान
– फोटो : अमर उजाला
सागवाड़ा कस्बे में होली के दूज से लेकर दशमी तक कंडों की राड़ खेली जाती है। यहां के युवा टोलियों में बंटकर एक-दूसरे पर कंडे फेंकते हैं। वहीं होली के अवसर पर टमाटर की राड़ भी खेली जाती है, जिसमें लोग एक-दूसरे पर टमाटर फेंककर होली का आनंद लेते हैं।
4 of 5
राजस्थान
– फोटो : अमर उजाला
जलते अंगारों पर चलते हैं श्रद्धालु
बांसवाड़ा के शिवपुरा और डूंगरपुर के कोकापुर में होली के अगले दिन श्रद्धालु जलते अंगारों पर नंगे पैर चलते हैं। यह दृश्य न केवल आस्था और आत्मविश्वास का प्रतीक है, बल्कि यह दर्शाता है कि श्रद्धा के बल पर असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। इस अद्भुत परंपरा को देखने दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं।
पत्थरों की राड़ : साहस और परंपरा का अनूठा संगम
बांसवाड़ा के भीलूड़ा में रघुनाथ मंदिर के पास होली पर पत्थरों की राड़ खेली जाती है। इस खेल में दो टोलियां गुलेल (गोफण) से एक-दूसरे पर पत्थर बरसाती हैं। कई लोग इस खेल में घायल भी होते हैं, लेकिन यह वर्षों पुरानी परंपरा आज भी जीवंत बनी हुई है।
5 of 5
राजस्थान
– फोटो : अमर उजाला
गुड़ बांटने और भांग में मिर्च मिलाने की अनूठी परंपरा
वागड़ के सरौदा गांव में होली के अवसर पर हर घर से एक-एक किलो गुड़ बांटने की परंपरा है, जिससे यह त्योहार और भी मधुर बन जाता है। वहीं भगोरा गांव में भांग में मिर्च मिलाकर प्रसाद वितरित किया जाता है, जो यहां की अनूठी होली को और रोचक बना देता है।
वागड़ की होली का अद्भुत अनुभव
वागड़ की यह अनूठी होली केवल रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि समाज की एकता, परंपरा और साहस का उत्सव है। कंडों की राड़ से लेकर जलते अंगारों पर चलने तक, यह होली हर किसी को रोमांचित कर देती है। यदि आपने अभी तक वागड़ की होली का अनुभव नहीं किया, तो अगली बार इस अद्भुत पर्व का साक्षी बनने जरूर आइए।
rajasthan, rajasthan news, hindi rajasthan, hindi rajasthan news, hindi news, rajasthan news update, rajasthan news today, rajasthan today, latest rajasthan news, latest news today, sri ganganagar news, sri ganganagar news today, hanumangarh news. hindi news rajasthan, bikaner news, bikaner news hindi, oxbig news, hindi oxbig news, oxbig news network
English News