PM मोदी का ‘घाम-ताप टूरिज्म’, बताया पहाड़ी इलाकों में यात्रा का अनुभव

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PM Modi Gham Tap Tourism Blog: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने ब्लॉग में उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में यात्रा के अनुभव साझा किए. उन्होंने अपने लेख में “घाम-ताप टूरिज्म” यानी सूर्य से जुड़ी ऊर्जा और गर्मी से होने वाले फायदों पर चर्चा की. साथ ही उन्होंने पहाड़ों में पर्यटन, संस्कृति, पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय अर्थव्यवस्था को लेकर अपनी सोच को भी विस्तार से रखा.
पीएम मोदी ने अपने लेख में कहा कि उत्तराखंड में प्राकृतिक सुंदरता, आध्यात्मिक महत्व और ट्रेकिंग के लिए बहुत संभावनाएं हैं. इसके अलावा, पहाड़ों पर सूर्य की रोशनी और गर्मी का सकारात्मक उपयोग करके पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है. पहाड़ों में दिन के समय तेज धूप रहती है, और इसका उपयोग स्वास्थ्य, योग और हीलिंग टूरिज्म के रूप में किया जा सकता है.
आयुर्वेदिक और प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र की कही बात
पीएम मोदी ने उदाहरण दिया कि विदेशों में लोग सनबाथिंग और प्राकृतिक धूप से उपचार को महत्व देते हैं. उत्तराखंड और हिमालयी क्षेत्रों में इस तरह के आयुर्वेदिक और प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र बनाए जा सकते हैं, जिससे पर्यटकों को लाभ मिलेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा
धार्मिक पर्यटन से लेकर एडवेंचर टूरिज्म की संभावनाएं 
प्रधानमंत्री ने अपने ब्लॉग में कहा कि उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन से लेकर एडवेंचर टूरिज्म तक कई संभावनाएं हैं. चारधाम यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है, लेकिन इसके अलावा, पहाड़ी क्षेत्रों में हेरिटेज वॉक, वाइल्डलाइफ सफारी, होमस्टे कल्चर और लोक संस्कृति को भी बढ़ावा दिया जा सकता है.
पर्यटन को बढ़ाने की जरूरत
पीएम मोदी ने बताया कि उत्तराखंड में छोटे गांवों और कस्बों की प्राकृतिक सुंदरता को संरक्षित रखते हुए पर्यटन को बढ़ाने की जरूरत है. इसके लिए स्थानीय लोगों को भी तैयार किया जाना चाहिए, जिससे वे पर्यटन से सीधे जुड़कर अपनी आजीविका सुधार सकें
स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत कैसे किया जाएगा
प्रधानमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि पहाड़ों में पर्यटन बढ़ाने के साथ ही हमें पारिस्थितिकी तंत्र को भी बचाना होगा. अगर पर्यटन को सही तरीके से विकसित किया जाए तो यह पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकता है. पीएम मोदी ने उदाहरण दिया कि स्थानीय उत्पादों, जैविक खेती और पहाड़ी पारंपरिक खानपान को बढ़ावा दिया जाए तो इससे न केवल पर्यटकों को नया अनुभव मिलेगा, बल्कि स्थानीय किसानों और व्यापारियों की आय भी बढ़ेगी.
प्रकृति के करीब रहने का अनुभव
अपने अनुभव साझा करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि जब वे पहाड़ों की यात्रा पर थे तो उन्होंने प्रकृति के करीब रहने का अनुभव किया. वे पहाड़ी गांवों में रुके, वहां की जलवायु को महसूस किया और स्थानीय लोगों से बातचीत की. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोगों की सादगी और उनका प्रकृति से जुड़ाव अपने आप में सीखने योग्य है. प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में छोटे-छोटे पहाड़ी गांव पर्यटन के नए केंद्र बन सकते हैं. अगर इन गांवों को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ा जाए, तो देश-विदेश से लोग यहां आना चाहेंगे. इसके लिए सरकार भी काम कर रही है और कई योजनाएं लागू की जा रही हैं
स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की कही बात 
मोदी ने अपने लेख में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की बात भी कही. उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में ऊनी कपड़े, जैविक मसाले, जड़ी-बूटियां, शहद और पारंपरिक हस्तशिल्प की बड़ी संभावनाएं हैं. अगर इन्हें सही बाजार और ब्रांडिंग मिले तो उत्तराखंड की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बहुत फायदा हो सकता है. इसके अलावा, उन्होंने होमस्टे कल्चर पर जोर दिया. पहाड़ों में स्थानीय लोग अपने घरों को पर्यटकों के लिए खोल सकते हैं, जिससे उन्हें सीधा लाभ मिलेगा और बाहर से आने वाले लोग पहाड़ी जीवन शैली को नजदीक से देख सकेंगे.
‘उत्तराखंड में पर्यटन का भविष्य उज्ज्वल है’
प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के आध्यात्मिक महत्व को भी रेखांकित किया. ऋषिकेश और हरिद्वार पहले से ही योग और ध्यान के लिए प्रसिद्ध हैं, लेकिन पहाड़ों में भी ऐसे केंद्र बनाए जा सकते हैं जहां लोग आकर ध्यान, योग और प्राकृतिक चिकित्सा का लाभ ले सकें. मोदी ने अपने ब्लॉग में लिखा कि उत्तराखंड में पर्यटन का भविष्य उज्ज्वल है. अगर सही प्लानिंग और स्थानीय भागीदारी के साथ इसे आगे बढ़ाया जाए तो यह न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान दे सकता है.
नए स्थानों को भी खोजने की अपील की
उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे पारंपरिक पर्यटन स्थलों से हटकर नए स्थानों को भी खोजें और स्थानीय संस्कृति को जानने-समझने की कोशिश करें. इससे न केवल उन्हें नया अनुभव मिलेगा, बल्कि पहाड़ी इलाकों का आर्थिक विकास भी होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह ब्लॉग उत्तराखंड की पर्यटन संभावनाओं पर एक नई दृष्टि प्रस्तुत करता है. “घाम-ताप टूरिज्म” का विचार, स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की जरूरत, पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास के संतुलन पर उनका जोर, सभी महत्वपूर्ण विषय हैं. अगर उत्तराखंड में इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाते हैं तो यह न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के लिए एक आदर्श मॉडल बन सकता है.
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