भारत सरकार मौसम विज्ञान विभाग के 150 साल पूरे होने पर एक सेमिनार आयोजन करने जा रहा है. 14 जनवरी को दिल्ली के मंडपम में आयोजित होने वाले इस सेमिनार के लिए पाकिस्तान, बांग्लादेश समेत अविभाजित भारत का हिस्सा रहे पड़ोसी देशों को भी न्योता भेजा गया है. पाकिस्तान ने तो अपनी भागीदारी की पुष्टि भी कर दी है. हालांकि, बांग्लादेश से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
बताया जा रहा है कि इस सेमिनार के लिए पाकिस्तान, अफगानिस्तान, म्यांमार, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, श्रीलंका और नेपाल के अधिकारियों को शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है. पश्चिम एशिया और दक्षिण-पश्चिम एशिया के प्रतिनिधि भी अतिथि सूची में हैं. आईएमडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हम चाहते थे कि IMD की स्थापना के समय अविभाजित भारत का हिस्सा रहे सभी देशों के अधिकारी समारोह का हिस्सा बनें.
भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र ने एबीपी न्यूज से बातचीत में बताया कि आईएमडी के 150 साल पूरे होने पर एक बड़े सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है जिसमें देश की महान हस्तियों के साथ-साथ कई विदेशी मेहमान भी शामिल होंगे. भारत के पड़ोसी देशों को भी इस सेमिनार में आमंत्रित किया गया है जिसमें पाकिस्तान और बांग्लादेश भी शामिल है. डॉ मृत्युंजय ने कहा कि हम एक व्हाट्सएप ग्रुप और एक ऐप भी बना रहे हैं जिसके जरिए हर-हर मौसम घर-घर मौसम की जानकारी लोगों को मिल सके क्योंकि जब तक लोग मौसम को लेकर जागरूक नहीं होंगे तब तक बड़ी आपदा में जनहानि को नहीं रोका जा सकता.
1875 में हुई थी IMD की स्थापना
ब्रिटिश काल के दौरान 1875 में स्थापित आईएमडी के 15 जनवरी को 150 वर्ष पूरे हो जाएंगे. इसकी स्थापना 1864 में कलकत्ता में आए चक्रवात और 1866 और 1871 में मानसून की लगातार विफलता के बाद हुई थी. कभी एक सामान्य ढांचे के रूप में शुरू हुआ यह संस्थान आज मौसम पूर्वानुमान, संचार और वैज्ञानिक नवाचार का केंद्र बन गया है. टेलीग्राम के दौर में, आईएमडी पुराने तरीके से मौसम की चेतावनी भेजता था.
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