Manipur Violence: मणिपुर एक बार फिर से हिंसा की आग में झुलस उठा है. राज्य में 6 शवों की बरामदगी के बाद हिंसक प्रदर्शन जारी हैं. कथित तौर पर जिरीबाम जिले में उग्रवादियों ने कुछ लोगों को अगवा करके उनकी हत्या कर दी थी, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. घटना के बाद बढ़ते तनाव को देखते हुए इंफाल घाटी के कई जिलों में अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया है और इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गईं.
शवों की खोज और व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बाद सेना और असम राइफल्स के जवानों की तैनाती सहित कड़े सुरक्षा उपाय किए गए हैं. रविवार, 17 नवंबर की सुबह इंफाल में सड़कों पर मलबे के ढेर पाए गए, एक दिन पहले प्रदर्शनकारियों ने राज्य के तीन मंत्रियों और छह विधायकों के घरों में तोड़फोड़ की थी.
सीएम के दामाद के घर पर प्रदर्शनकारियों का हमला
हिंसा में प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के दामाद, भाजपा विधायक आर के इमो और अन्य प्रमुख राजनीतिक हस्तियों के घरों सहित कई घरों पर हमला किया. घाटी में हिंसक विरोध प्रदर्शन जारी रहने के कारण सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े.
उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी के बाद जिरीबाम में एक राहत शिविर से छह व्यक्तियों, तीन महिलाओं और तीन बच्चों के लापता होने के बाद हिंसा भड़क उठी. बाद में दो अलग-अलग घटनाओं में शव बरामद किए गए. इसके बाद व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए हैं, जिसमें गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय नेताओं और जनप्रतिनिधियों के घरों को निशाना बनाया है.
सरकार को दिया गया 24 घंटे का अल्टीमेटम
मणिपुर अखंडता पर समन्वय समिति (COCOMI) ने मौतों के लिए जिम्मेदार उग्रवादियों के खिलाफ 24 घंटे के भीतर सैन्य कार्रवाई की मांग की है. समूह ने सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) को निरस्त करने की भी मांग की है, जिसे इस महीने की शुरुआत में कई जिलों में फिर से लागू किया गया था.
जानें बड़े अपडेट्स
अधिकारियों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि उपद्रवियों की ओर से और अधिक आगजनी और अतिरिक्त संरचनाओं को जलाने की खबरें मिली हैं, लेकिन इन दावों की अभी तक स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हुई है.
मणिपुर के जिरीबाम जिले में 11 नवंबर को सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में मारे गए सभी 10 ‘उग्रवादियों’ के शव पोस्टमार्टम के बाद शनिवार को असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसएमसीएच) से हेलीकॉप्टर से चुराचांदपुर जिले में वापस लाए गए.
मणिपुर में सभी आदिवासी संगठन, जिनमें इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ), कुकी-जो परिषद और हमार छात्र संघ शामिल हैं, दावा कर रहे हैं कि सभी 10 लोग हमार ग्राम स्वयंसेवक हैं, जिन्हें ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए लगाया गया था.
इंफाल घाटी के विभिन्न जिलों में गुस्साई भीड़ ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन और विधायकों तथा कांग्रेस के एक विधायक के आवास को आग लगा दी. अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के पैतृक आवास पर भी धावा बोलने की कोशिश की, हालांकि पुलिस ने उन्हें रोक दिया.
अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने निंगथौखोंग में लोक निर्माण मंत्री गोविंददास कोंथौजम, लैंगमीडोंग बाजार में हियांगलाम से भाजपा विधायक वाई राधेश्याम, थौबल जिले में वांगजिंग टेंथा के भाजपा विधायक पाओनम ब्रोजेन और इंफाल पूर्वी जिले में खुंद्राक्पम के कांग्रेस विधायक लोकेश्वर के घरों में आग लगा दी। पुलिस ने बताया कि गुस्साई भीड़ ने विधायकों के आवासीय परिसरों पर धावा बोला, संपत्ति में तोड़फोड़ की और घरों में आग लगा दी.
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