मणिपुर में भड़की हिंसा! अमित शाह ने की समीक्षा बैठक, NPP ने सरकार से वापस लिया समर्थन!

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Manipur Violence: मणिपुर में तीन महिला और तीन बच्चों के शव मिलने के बाद हिंसक प्रदर्शन और बढ़ चुका है. बीते रोज यानी शनिवार, 16 नवंबर को मुख्यमंत्री बीरेन सिंह और पार्टी के 10 विधायकों के घर पर हमले हुए. प्रदर्शनकारियों ने विधायकों के घर तक जला दिए. 
हालातों को बिगड़ता देख मणिपुर के मुख्य सचिव विनीत जोशी ने वर्तमान में प्रभावित जिलों इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर, थौबल, काकचिंग, कांगपोकपी और चुराचांदपुर के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में दो दिनों के लिए इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित करने का आदेश दिए हैं. 
मणिपुर हिंसा से जुड़े बड़े अपडेट्स…

मणिपुर के जिरीबाम जिले में मैतेई समुदाय के राहत शिविर में रहने वाले लैशाराम हीरोजीत के परिवार को मार दिया गया है. उनके परिवार के दो बच्चे, पत्नी, सास, पत्नी की बहन और उनके बेटे को मार दिया गया है. इनके पूरे परिवार को संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने सोमवार को असम की सीमा से लगे शहर से बंधक बना लिया था. 
पुलिस ने रविवार (17 नवंबर, 2024) को बताया कि हीरोजित की सास और उनके ढाई साल के बच्चे के शव जिरीबाम के पास नदी में तैरते हुए पाए गए. बच्चे का सिर कटा शव नदी में तैरती टूटी हुई पेड़ की शाखाओं के बीच फंसा मिला. बच्चे के शरीर से हाथ गायब थे तो लड़के की दादी का अर्धनग्न शव नदी में मुंह के बल तैरता पाया गया.
मणिपुर हिंसा के चलते केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह अपनी नागपुर की चार चुनावी रैलियां को रद्द कर दिल्ली लौट आए और राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक भी की. उन्होंने अधिकारियों से राज्य में शांति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. हिंसा को लेकर कल यानी सोमवार को भी बैठक होनी है.
इस हिंसा के बीच मणिपुर में भाजपा सरकार में शामिल नेशनल पीपुल्स पार्टी ने अपना समर्थन वापस लेने का भी ऐलान कर दिया. मणिपुर में 60 विधानसभा हैं, जिसमें से सात सदस्य तो नेशनल पीपुल्स पार्टी के ही है जो भाजपा को समर्थन दे रहे थे.
वहीं कुकी-जो समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रमुख संगठन इंडीजीनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने बताया है कि केंद्रीय पुलिस बल के साथ गोलीबारी में मारे गए 10 कुकी युवकों का अंतिम संस्कार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट उनके परिजनों को सौंपे जाने तक नहीं किया जाएगा.
वहीं मिजोरम सरकार ने पड़ोसी राज्य मणिपुर में हिंसा के बाद बीते रोज शनिवार को लोगों से राज्य में सांप्रदायिक हिंसा से बचने के लिए अत्यधिक सावधानी बरतने का आग्रह किया.
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और उनके दामाद समेत 6 में से तीन विधायकों के घर में तोड़फोड़ भी की गई है. न केवल तोड़फोड़ बल्कि उनकी संपत्तियों को भी जला दिया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि असम राइफल्स, बीएसएफ और राज्य बलों सहित सुरक्षा कर्मियों ने प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए कई राउंड आंसू गैस के गोले दागे, रबर की गोलियां चलाईं.
हिंसा के बीच राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (AFSPA) वापस लेने को कहा है.
मणिपुर हिंसा के चलते केंद्र सरकार ने 14 नवंबर को इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, जीरोबाम, कांगपोकपी और बिश्नुपुर जिलों में सेकमाई, लामसांग, लामलाई, जीरीबाम, लीमखोंग और मोईरांग पुलिस थाना के अंतर्गत आते इलाकों में AFSPA लगाया था.
कुकी समुदाय से जुड़े लोग इस हिंसा में मारे गए लोगों के लिए इंसाफ मांग रहे हैं. चुराचांदपुर में सैकड़ों लोगों ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन भी किया. कुकी संगठनों ने तो यह भी दावा किया है कि मरने वाले उग्रवादी नहीं बल्कि गांव के वालंटियर थे.

यह भी पढ़ें- मणिपुर हिंसा को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने की समीक्षा बैठक, अधिकारियों को शांति सुनिश्चित करने के दिए निर्देश 

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