Human Rights Day: मानवाधिकार दिवस के अवसर पर नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों और धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाने की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि यह हमलों और धार्मिक असहिष्णुता की स्थिति न केवल बांग्लादेश बल्कि पूरे दक्षिण एशिया क्षेत्र के लिए खतरे का कारण बन सकती है.
सत्यार्थी ने अपने बयान में यह भी कहा कि आज के दिन हमें अपने साझा समर्पण को फिर से याद करना चाहिए जो मानवाधिकारों की सुरक्षा के प्रति है. उन्होंने बांग्लादेश में पिछले चार दशकों से शिक्षा और बाल अधिकारों से जुड़ी कई सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं के साथ काम करने का अनुभव शेयर किया और वहां के लोगों में सद्भाव और विश्वास को हमेशा सराहा है.
अल्पसंख्यकों की अधिकारों का उल्लंघन चिंताजनक
सत्यार्थी ने यह भी स्पष्ट किया कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले और धार्मिक स्थलों की तोड़फोड़ के कारण उन समुदायों के अधिकार खतरे में हैं. यदि इस volatile स्थिति को जल्दी से हल नहीं किया गया तो इसके प्रभाव पूरे दक्षिण एशिया क्षेत्र में फैल सकते हैं जिससे आने वाले समय में स्थिरता और शांति पर खतरा मंडरा सकता है.
कैलाश सत्यार्थी ने मोहम्मद युनुस से स्थिति को कंट्रोल करने की अपील की
कैलाश सत्यार्थी ने अपने सहकर्मी और नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद युनुस से अपील की कि वह इस गंभीर और विकट स्थिति का समाधान जल्दी से करें. उन्होंने कहा कि इस समय जब लाखों लोगों के मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है और हिंसा बढ़ती जा रही है युनुस अपने नैतिक साहस और करुणामयी नेतृत्व के साथ इसे कंट्रोल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. सत्यार्थी ने युनुस पर विश्वास जताते हुए कहा कि उनका दृष्टिकोण और कार्यक्षमता इस संघर्ष को हल करने में मदद करेगी जिससे प्रभावित लोगों के अधिकारों की रक्षा हो सके.
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