India’s First Analog Space Mission in Leh: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक और बड़ा कदम बढ़ाया है. दरअसल, ISRO ने लेह में देश का पहला एनालॉग स्पेस मिशन शुरू किया है. इसरो के इस खास मिशन की खूब चर्चा हो रही है.
बताया गया है कि यह मिशन स्पेस में जाने से पहले अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर ही स्पेस जैसी कठिन परिस्थितियों में प्रशिक्षित करने के लिए डिजाइन किया गया है. इसमें पूरा माहौल अंतरिक्ष जैसा ही दिया जाएगा.
सीमित संसाधनों के साथ रहेंगे
जानकारी के अनुसार, एनालॉग स्पेस मिशन एक ऐसी तकनीक है, जिसमें पृथ्वी पर स्पेस जैसी स्थितियों का निर्माण किया जाता है, ताकि अंतरिक्ष यात्री इन चुनौतियों से पहले से ही परिचित हो सकें. इस मिशन में ISRO ने एक ऐसा क्षेत्र चुना है, जो चंद्रमा या मंगल की सतह जैसा है. वहां, अंतरिक्ष यात्री सीमित संसाधनों के साथ रहेंगे और चुनौतीपूर्ण, अलग-थलग वातावरण में काम करने के अनुभव प्राप्त करेंगे.
🚀 India’s first analog space mission kicks off in Leh! 🇮🇳✨ A collaborative effort by Human Spaceflight Centre, ISRO, AAKA Space Studio, University of Ladakh, IIT Bombay, and supported by Ladakh Autonomous Hill Development Council, this mission will simulate life in an… pic.twitter.com/LoDTHzWNq8
— ISRO (@isro) November 1, 2024
तकनीकों में सुधार करने में भी मिलेगी मदद
इस मिशन का उद्देश्य न केवल अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षित करना है, बल्कि उन प्रोटोकॉल और तकनीकों का परीक्षण भी करना है जो अंतरिक्ष यात्रा के दौरान अपनाई जाएंगी. इस मिशन से वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद मिलती है कि किन तकनीकों में सुधार की आवश्यकता है और कौन-सी चीजें बेहतर काम करती हैं.
कई संस्थाएं मिलकर चला रहीं यह अभियान
इस प्रशिक्षण के दौरान, अंतरिक्ष यात्री कठिन भूभागों पर चलने, सीमित कम्यूनिकेशन और संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग जैसी चुनौतियों से गुजरेंगे. इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि अंतरिक्ष यात्रा के दौरान संभावित समस्याओं को पहले ही समझा और हल किया जा सकता है. ISRO का यह एनालॉग स्पेस मिशन भारत की अंतरिक्ष खोज को एक नई ऊंचाई तक ले जाने का प्रयास है. यह न केवल हमारे अंतरिक्ष यात्रियों को मजबूत बना रहा है बल्कि भविष्य में स्पेस रिसर्च के क्षेत्र में भारत की अग्रणी भूमिका को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. बता दें कि यह एनालॉग स्पेस मिशन ह्यूमन स्पेसफ्लाइट सेंटर, इसरो, एएकेए स्पेस स्टूडियो, लद्दाख विश्वविद्यालय, आईआईटी बॉम्बे का एक सहयोगात्मक प्रयास है, जिसे लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद की ओर से सपोर्ट मिला है.
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