नई दिल्ली. भारत के एविएशन सेक्टर में सफलता पाना आसान काम नहीं हैं. लेकिन राकेश गंगवाल ने इसे कर दिखाया था. दरअसल, इंडिगो की शुरुआत साल 2006 में राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल ने मिलकर की थी. आज यह देश की सबसे बड़ी एयरलाइन है. हालांकि साल 2022 में राकेश गंगवाल ने कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया.
राकेश गंगवाल का जन्म 25 जुलाई, 1952 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में हुआ था. उन्होंने डॉन बॉस्को स्कूल से पढ़ाई की. 1975 में उन्होंने आईआईटी कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की और बाद में व्हार्टन स्कूल, यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया से एमबीए पूरा किया.
यूनाइटेड एयरलाइंस में सीईओ तक का सफर तय किया1980 में गंगवाल ने एविएशन सेक्टर में एक नया सफर शुरू किया. वह तब बूज एलन और हैमिल्टन इंक के साथ एक सहयोगी थे. इसके बाद वे यूनाइटेड एयरलाइंस में शामिल हो गए, जहां उन्होंने मैनेजर, स्ट्रेटेजिक प्लानर के रूप में काम किया. बाद में गंगवाल यूनाइटेड एयरलाइंस के सीईओ भी बन गए। 1998 से 2001 के दौरान यूएस एयरवेज ग्रुप के चेयरमैन और सीईओ बने. गंगवाल ने 2003 से 2007 तक वर्ल्डस्पैन टेक्नोलॉजीज के चेयरमैन और सीईओ का पद भी संभाला.
आईआईटी कानपुर को दिया 100 करोड़ का दानराकेश गंगवाल ने अपने एक अरबपति कारोबारी मित्र राहुल भाटिया के साथ मिलकर 2006 में इंडिगो एयरलाइंस की स्थापना की थी. यह आज देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस है. 2024 में साउथवेस्ट एयरलाइंस के बोर्ड में शामिल हुए और कंपनी में महत्वपूर्ण निवेश किया.
आईआईटी कानपुर को दिया 100 करोड़ का दानसाल 2022 में राकेश गंगवाल ने आईआईटी कानपुर को गुरु दक्षिणा के तौर पर 100 करोड़ का दान देकर एक मिसाल पेश की. गंगवाल की नेटवर्थ करीब 50,300 करोड़ रुपये है.
Tags: Indigo Airlines, Indigo flight, Success StoryFIRST PUBLISHED : November 1, 2024, 22:16 IST
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