सहरसा. कहते हैं ना, मंजिलें क्या है रास्ता क्या है, हौसला हो तो फासला क्या है. दरअसल. सहरसा के बलहा गढ़िया निवासी दिगम्बर यादव की बहू और मथुरेश यादव की धर्मपत्नी नूपुर कुमारी ने BPSC TRE 3.0 परीक्षा पास कर न केवल अपने ससुराल और अपने माता पिता का नाम रोशन किया है बल्कि समाज की महिलाओं को भी एक संदेश दिया है कि शादी के बाद भी लड़कियां अपने सपनों को पूरा कर सकती हैं.जानकारी देते हुए नूपुर कुमारी बताती हैं कि 2019 में उनकी शादी हुई थी, नूपुर अपने परिवार के लिए खाना बनाना कपड़े धोना और अन्य घरेलू जिम्मेदारियां निभाते हुए अपनी पढ़ाई के लिए समय निकालती थी वह रात में 1:00 बजे तक जाग कर पढ़ाई करती थी. प्रेगनेंसी के दौरान भी नुपुर घर में रहकर ही पढ़ाई करती थी, और कड़ी मेहनत के बाद घर में ही रहकर सेल्फ स्टडी की और इस परीक्षा में सफलता हासिल की है. 1 साल के अपने पुत्र को संभालने के साथ उन्होंने ये कामयाबी हासिल की है.जुनून हो तो जरूर मिलेगी सफलतानुपुर बताती हैं कि इस कामयाबी को हासिल करने के पीछे मेरे ससुराल वालों का काफी सहयोग मिला. मेरे पति हमेशा मुझे प्रोत्साहित करते थे आज उन्हीं के बदौलत यह कठिन परीक्षा पास की है. नुपूर ये भी कहती हैं उनके पिता प्रमोद यादव जो कि खुद शिक्षक है वो हमेशा फोन से दिशा निर्देश देते थे जिस वजह से नुपूर का कई विषय पर अच्छी पकड़ बन गई जो एग्जाम में काफी मददगार साबित हुई. नुपूर बताती है कि उनका सपना अधिकारी बन कर शिक्षा विभाग में काम करने का है जिसकी तैयारी भी कर रही हैं.उनकी इस संघर्ष की कहानी ने यह साबित कर दिया की कठिनाइयों के बावजूद अगर मन में जुनून हो तो सफलता अवश्य मिलती है, इस उपलब्धि के बाद नूपुर को बधाइयां का तांता लगा है जो उनकी मेहनत और समर्पण का प्रतीक है.FIRST PUBLISHED : November 17, 2024, 11:30 IST
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सलाम! एक साल का बच्चा और ससुराल की जिम्मेदारी, सेल्फ स्टडी कर BPSC में गाड़ा झंडा, अब मैडम कहेंगे लोग

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