नई दिल्ली. सोमवार को शेयर बाजार ओपनिंग के बाद भारी गिरावट देखने को मिली. दुनियाभर में फैले भूराजनीतिक तनाव की वजह से क्रूड ऑयल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. खासकर पश्चिमी एशिया में तनाव ने क्रूड ऑयल के दाम बढ़ाने का काम किया है. इसी वजह से दुनियाभर के शेयर बाजारों पर असर दिखा, जिससे भारत के बाजार भी अछूते नहीं रहे.10:33 मिनट तक सेंसेक्स 708.25 अंक (0.86 फीसदी) की गिरावट के साथ 81699.92 पर था, जबकि निफ्टी50 में 216.65 अंकों (0.86 फीसद) की गिरावट आई और इसे 24895.75 पर ट्रेड होते देखा गया. निफ्टी50 ने एक बार फिर से 25,000 का अहम स्तर तोड़ दिया. ज्यादा गिरने वाले शेयरों में इंफोसिस, जेएसडब्ल्यू स्टील, एचसीएल टेक, हिन्दुस्तान यूनिलीवर, और श्रीराम फाइनेंस रहे. ये सभी 1.70 फीसदी से 2.40 फीसदी तक गिरावट दिखा रहे थे. हालांकि एक समय इनमें 3 फीसदी तक की गिरावट थी, जबकि सेंसेक्स 900 अंक तक गिरे चला गया था.
शेयर बाजार में गिरावट की मुख्य वजहें
क्रूड ऑयल की कीमतों में बढ़ोतरी बाजार में गिरावट की मुख्य वजह रही. ब्रेंट क्रूड फ्यूचर लगभग 2 फीसदी तक उछला और यह 78 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया, जबकि WTI क्रूड में 1.7 फीसदी का उछाल आया और यह 75 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया. मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, वीकेंड्स पर ईरान की न्यूक्लीयर फैसिलिटी पर अमेरिकी एयरस्ट्राइक के बाद क्रूड में उछाल आया है.
कहा जा रहा है कि ईरान की संसद ने हॉर्मुज जलडमरूमध्य (Strait of Hormuz) को रोकने का प्रस्ताव रखा है. बता दें कि इसी जलडमरूमध्य से होकर दुनियाभर में क्रूड की सप्लाई होती है. यदि ऐसा होता है यह भारत समेत दुनिया के कई देशों को परेशान करेगा.
भारत के शेयर बाजारों में डर का माहौल दिख रहा है. इंडिया VIX (वोलैटिलिटी इंडेक्स) में लगभग 5 फीसदी का उछाल आना इसी बात का संकेत है कि निवेशक फिलहाल डर के साये में हैं. वैश्विक स्तर पर क्या होगा, अभी यह क्लीयर नहीं है.
अमेरिका ने कहां किया हमला?
अमेरिका ने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया है, जिससे पश्चिम एशिया में तनाव और बढ़ गया है. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने कहा, “हालांकि इन हमलों से संकट जरूर बढ़ा है, लेकिन इसका बाजार पर ज्यादा असर होने की संभावना नहीं है. हॉर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की आशंका हमेशा बनी रहती है, लेकिन ऐसा कभी हुआ नहीं है.”
एशियाई शेयरों में भी गिरावट
एशियाई शेयर बाजारों में गिरावट देखने को मिली. दक्षिण कोरिया का कोस्पी, जापान का निक्केई 225 और हांगकांग का हैंगसेंग नीचे ट्रेड कर रहे थे. केवल चीन का शंघाई कंपोज़िट थोड़ा ऊपर रहा. अमेरिका के बाजार भी शुक्रवार को गिरावट के साथ बंद हुए और एशियाई समय में वॉल स्ट्रीट फ्यूचर्स भी लाल निशान में रहे.
इसके अतिरिक्त, शुरुआती कारोबार में रुपया 17 पैसे कमजोर होकर 86.72 पर पहुंच गया. इसका कारण कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी और डॉलर की मजबूती को माना जा रहा है. घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट का असर भी रुपये पर पड़ा है.
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