काम कर गया ट्रंप का पटेल कार्ड! दूर होती दिख रही अडानी ग्रुप की चिंता, तभी तो भागे शेयर

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भारत में बुधवार की रात में जब लोग गहरी नींद में थे, उसी समय अमेरिकी एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (Federal Bureau of Investigation – FBI) के डायरेक्टर के इस्तीफे की घोषणा हुई. उस समय वहां दिन था. मगर उस घोषणा का असर सात समंदर पार भारत में अडानी ग्रुप के शेयरों पर भी हुआ. गुरुवार को अडानी ग्रुप के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला. जब से डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के नए राष्ट्रपति चुने गए हैं, तब से हर दिन कोई न कोई बड़ी खबर आ रही है. एफबीआई चीफ के जाने की खबर भी ट्रंप से जुड़ी हुई है.

अडानी ग्रीन एनर्जी ने सबसे ज्यादा 6.2 फीसदी की बढ़त दर्ज की. इसके बाद अडानी पावर 4.6 फीसदी ऊपर उठा. ग्रुप की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में लगभग 2 फीसदी की बढ़त देखी गई. आज केवल अडानी ग्रुप के सीमेंट स्टॉक ही लाल रंग में नजर आए. अडानी ग्रुप की कुल बाजार पूंजी में लगभग 25,000 करोड़ रुपयों का इजाफा हुआ है.

एफबीआई डायरेक्टर क्रिस रे (Chris Wray) ने अपने इस्तीफे की योजना की घोषणा की. वे अगले साल की शुरुआत में पद छोड़ने वाले हैं. यह वही समय होगा, जब ट्रंप सत्ता संभाल रहे होंगे. पूरे सीन पर नजर डालें तो कहा जा सकता है कि ट्रंप के सत्ता की बागडोर संभालने से पहले ही क्रिस रे अपनी कुर्सी छोड़ सकते हैं. बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति पद पर बैठने से पहले ही डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय-अमेरिकी काश पटेल को एफबीआई चीफ के पद के लिए नामित करने के संकेत दिए हैं.

अडानी के शेयरों से क्या है लिंक?क्रिस रे का इस्तीफा ट्रंप के साथ उनके मतभेदों का नतीजा माना जा रहा है. हालांकि यह भी सच है कि 2017 में ट्रंप ने ही क्रिस रे को इस पद पर नियुक्त किया था. अडानी ग्रुप से क्रिस रे का कनेक्शन यह है कि उन्हीं के कार्यकाल के दौरान ही अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी और अन्य अधिकारियों पर अमेरिका में भ्रष्टाचार के आरोप लगे.

अमेरिकी कोर्ट के 20 नवंबर के आदेश के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2.24 लाख करोड़ रुपये तक गिर गया. यह गिरावट हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद की सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है.

अडानी ग्रुप पर क्या हैं आरोप?अमेरिकी सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने अडानी ग्रुप पर अमेरिकी निवेशकों को धोखा देने और रिश्वतखोरी का आरोप लगाया है. इस कमीशन के अनुसार, जुलाई 2021 से फरवरी 2022 के बीच अडानी ग्रीन और अज्योर पावर ने सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी. हालांकि, अडानी ग्रुप ने इन सभी आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज किया है. ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा कि वे मानकों का पालन करते हैं और सभी नियामकीय प्रावधानों का पालन करना उनकी प्राथमिकता है.
Tags: Adani Group, Gautam AdaniFIRST PUBLISHED : December 12, 2024, 16:06 IST

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