क्या घर खरीदने के सपनों को साकार करेगा 2025 का बजट? क्या चाहता है रियल एस्टेट सेक्टर

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Last Updated:January 12, 2025, 06:40 ISTरियल एस्टेट सेक्टर को बजट 2025 से काफी उम्मीदें हैं. ये सेक्टर स्टाम्प ड्यूटी में कमी, धारा 80C में टैक्स छूट सीमा बढ़ाने, हाउसिंग लोन पर टैक्स लाभ और ‘इंडस्ट्री’ का दर्जा देने की मांग कर रहा है.नई दिल्ली. नए साल की शुरुआत के साथ आगामी आम बजट पर सभी की निगाहें टिकी हैं. 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश के सामने बजट प्रस्तुत करेंगी. बताएंगी कि सरकार ने कहां से पैसा निकालने और कहां पर खर्च करने की योजना बनाई है. बजट से पहले ग्रोथ का हर सेक्टर सरकार से बड़ी उम्मीदें लगाए बैठा है. खासकर रियल एस्टेट सेक्टर. इस सेक्टर से जुड़े लोगों को इस बार बड़े सुधारों की उम्मीद है. इस बजट पर काफी कुछ निर्भर करेगा कि लोग घर खरीदेंगे या इंतजार करना पसंद करेंगे.

पिछले साल, रियल एस्टेट सेक्टर ने प्रीमियम सेगमेंट में शानदार प्रदर्शन किया. 10 करोड़ से 80 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी की बिक्री में जोरदार उछाल देखा गया. हालांकि, मिड और लोअर मिड सेगमेंट में सप्लाई की कमी एक बड़ी समस्या बनी रही. विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 में इस असंतुलन को दूर करने के लिए ठोस नीतियों की आवश्यकता है.

स्टांप ड्यूटी और टैक्स में राहतक्रेडाई एनसीआर के अध्यक्ष और गौड़ ग्रुप के सीएमडी मनोज गौड़ का कहना है कि सरकार को स्टांप ड्यूटी कम करने पर ध्यान देना चाहिए. बढ़ी हुई स्टांप ड्यूटी खरीदारों पर भारी बोझ डाल रही है. इसके अलावा, सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की मांग भी जोर पकड़ रही है, जिससे घर खरीदने की प्रक्रिया आसान होगी.

सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) के चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि हाउसिंग लोन पर टैक्स छूट की सीमा बढ़ाने से लाखों लोगों के लिए घर खरीदना संभव हो सकेगा. उन्होंने यह भी कहा कि रियल एस्टेट को ‘इंडस्ट्री’ का दर्जा मिलने से 200 से अधिक संबंधित क्षेत्रों को मजबूती मिलेगी और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे.

‘इंडस्ट्री’ और ‘इंफ्रास्ट्रक्चर’ का दर्जा: क्या बदलेगा?एसकेए ग्रुप के डायरेक्टर संजय शर्मा के अनुसार, रियल एस्टेट देश के सबसे बड़े रोजगार देने वाले क्षेत्रों में से एक है. इसे ‘इंडस्ट्री’ का दर्जा देने से क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सकता है. ट्राईसोल रेड के मैनेजिंग डायरेक्टर पवन शर्मा का मानना है कि ‘इंफ्रास्ट्रक्चर स्टेटस’ मिलने से लंबे समय तक कम ब्याज दर पर ऋण मिलना आसान होगा.

स्पेक्ट्रम मेट्रो के वाइस प्रेसिडेंट अजेंद्र सिंह ने कहा कि वाणिज्यिक रियल एस्टेट में तेजी 2024 में भी देखी गई और यह 2025 में भी जारी रहेगी. उन्होंने सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम लागू करने की जरूरत पर जोर दिया, जिससे प्रोजेक्ट मंजूरी प्रक्रिया आसान और तेज होगी.

अंसल हाउसिंग के डायरेक्टर कुशाग्र अंसल ने कहा कि सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम लागू होने से डेवलपर्स के लिए प्रोजेक्ट्स की मंजूरी आसान होगी और समय पर प्रोजेक्ट पूरे किए जा सकेंगे. यह सिस्टम घर खरीदने वालों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा.

HCBS डिवेलपमेंट्स के ग्रुप मैनेजिंग डायरेक्टर सौरभ सहारण ने कहा कि इस बजट से रियल एस्टेट को उद्योग का दर्जा मिलने की उम्मीद है. इससे मजदूरों के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे और क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ेगा.

कम ब्याज दर और किफायती घरों पर जोररहेजा डेवलपर्स के वाइस प्रेसिडेंट मोहित कालिया ने कहा कि सस्ते घरों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है. अगर इनकम टैक्स में छूट बढ़ाई जाती है, तो यह लोगों को घर खरीदने के लिए प्रेरित करेगा. ग्रुप 108 के एमडी संचित भूटानी का मानना है कि REIT निवेशकों को टैक्स इंसेंटिव देना और सिंगल विंडो क्लीयरेंस लागू करना रियल एस्टेट की स्थिर वृद्धि के लिए आवश्यक कदम होंगे.

कंस्ट्रक्शन मटीरियल पर जीएसटी घटाने की मांगक्रीवा और कनोडिया ग्रुप के फाउंडर डॉ. गौतम कनोडिया ने कहा कि कंस्ट्रक्शन सामग्री पर जीएसटी घटाने से क्षेत्र में पैसों की कमी दूर होगी और विकास को गति मिलेगी. रॉयल एस्टेट ग्रुप के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर पीयूष कंसल ने कहा कि लग्जरी रियल एस्टेट ने 2024 में शानदार प्रदर्शन किया. 2025 में इस रफ्तार को बनाए रखने के लिए सरकार को नीतिगत सुधार करने होंगे.

तिरस्या एस्टेट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर रविंद्र गांधी ने कहा कि किफायती घरों के लिए सब्सिडी और फंड तक आसान पहुंच से रियल एस्टेट 2030 तक $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य हासिल कर सकता है. सनड्रीम ग्रुप के सीईओ हर्ष गुप्ता ने कहा कि कमर्शियल रियल एस्टेट सरकार की आर्थिक विकास योजनाओं को पूरा करने में अहम भूमिका निभाता है.

आम आदमी को राहत: सेक्शन 80C में बदलाव की मांगभूमिका ग्रुप के सीएमडी उद्धव पोद्दार और लैंडमार्क ग्रुप के चेयरमैन संदीप छिल्लर का कहना है कि सेक्शन 80C के तहत होम लोन पर छूट की सीमा बढ़ाने से आम आदमी के लिए घर खरीदना आसान हो जाएगा. एमआरजी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर रजत गोयल ने कहा कि होम लोन के मूलधन और ब्याज पर ज्यादा छूट से लोग ज्यादा प्रेरित होंगे. टियर-2 और टियर-3 शहरों में बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार को इस दिशा में कदम उठाने चाहिए.

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