Property Knowledge: नोएडा, गाजियाबाद में ले लिया बिना रजिस्ट्रेशन वाला फ्लैट तो क्या होंगे नुकसान? जानिए

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नई दिल्ली. खबर आई है कि उत्तर प्रदेश में कई बिल्डर बिना आवश्यक रजिस्ट्रेशन के ही फ्लैट्स का कब्जा सौंप रहे हैं. यह प्रक्रिया न केवल राज्य सरकार के राजस्व को प्रभावित कर रही है बल्कि घर खरीदारों के लिए भी कई तरह की आर्थिक समस्याएं खड़ी कर रही है. जब बिल्डर्स किसी प्रोजेक्ट का कब्जा देते हैं, तो उनके पास ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट (OC) और कम्प्लीशन सर्टिफिकेट (CC) होता है, जो कि आवश्यक निर्माण मानकों की पूर्ति दर्शाते हैं. लेकिन रजिस्ट्रेशन की कमी से खरीदारों के कानूनी अधिकार सीमित हो जाते हैं. यदि आपने भी कोई फ्लैट खरीदा है, जिसका रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है, तो आपके सामने बहुत सारी समस्याएं आने वाली हैं.

उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट अधिनियम और स्टाम्प अधिनियम 1899 के अनुसार, रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करना बिल्डर्स की कानूनी जिम्मेदारी है. लेकिन, बहुत से बिल्डर्स OC और CC के बाद सीधे कब्जा देकर स्टाम्प शुल्क की बचत कर रहे हैं. अनुमान है कि गाज़ियाबाद में लगभग 600 फ्लैट्स इस तरह से सौंपे गए हैं, जिससे राज्य को करीब 12,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

इसके समाधान के लिए राज्य सरकार के आवास एवं शहरी योजना विभाग ने रजिस्ट्रेशन के बिना दिए गए फ्लैट्स की जांच शुरू कर दी है. गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण को इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है. यह मामला 2018 में भी उठ चुका है जब जिला प्रशासन ने तीन बिल्डर्स के खिलाफ पूरी भुगतान के बाद भी रजिस्ट्रेशन न करने पर एफआईआर दर्ज की थी.

छुपे हुए खर्चे, जो कर रहे हैं घर खरीदारों को परेशानघर खरीदारों पर इस समस्या का सबसे ज्यादा असर पड़ा है. जब बिल्डर्स रजिस्ट्रेशन में देरी करते हैं, तो वे फ्लैट की मेंटेनेंस को अपने नियंत्रण में रखते हैं, जिससे वे ज्यादा मेंटेनेंस चार्ज कर सकते हैं. एक बार रजिस्ट्रेशन पूरा होने के बाद यह जिम्मेदारी अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (AOA) या रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) के पास आ जाती है, जिससे आमतौर पर निवासियों के लिए शुल्क में कमी आती है.

इसके अलावा, बिजली जैसे संसाधनों पर भी बिल्डर्स मुनाफा कमाते हैं. वे सरकारी दरों पर बिजली खरीदते हैं और घरों में रहने वालों को ऊंची दरों पर बेचते हैं. जब फ्लैट का रजिस्ट्रेशन हो जाता है, तो खरीदार को संपत्ति का पूरा अधिकार मिल जाता है और बिल्डर्स इन सेवाओं पर ज्यादा चार्ज नहीं कर सकते, जिससे उनका मुनाफा कम हो जाता है.

खरीदारी से पहले रहें सतर्कजो लोग नोएडा या यूपी के दूसरे शहरों में फ्लैट खरीदने का विचार कर रहे हैं, उनके लिए यह जरूरी है कि वे कब्जा लेने से पहले रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी कर लें. बिना रजिस्ट्रेशन के, वे ज्यादा मेंटेनेंस चार्ज और अधिक दरों पर सेवाओं के लिए मजबूर हो सकते हैं. इसके अलावा, अगर बिल्डर्स रजिस्ट्रेशन से बच रहे हैं, तो वे टैक्स और अन्य वित्तीय जिम्मेदारियों से बचना चाहते हैं, जिससे खरीदार को पूरा अधिकार नहीं मिल पाता.

इन सब को देखते हुए घर खरीदारों को जागरूक रहने की जरूरत है और फ्लैट का कब्जा लेने से पहले रजिस्ट्रेशन की मांग करनी चाहिए. याद रखें कि केवल OC और CC पर्याप्त नहीं है, कानूनी अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए रजिस्ट्रेशन बेहद आवश्यक है.
Tags: Planning your finances, Property, Property market, Property taxFIRST PUBLISHED : November 17, 2024, 14:13 IST

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