नई दिल्ली. पिछले कुछ वर्षों में भारत में म्यूचुअल फंड निवेशों में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है. इस रुचि को और बढ़ावा देने के लिए कंपनियों ने सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) शुरू करने की न्यूनतम राशि को घटाकर मात्र 100 रुपये कर दिया है. हाल ही में LIC म्यूचुअल फंड एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) ने डेली SIP की न्यूनतम राशि घटाकर 100 रुपये कर दी है. अब निवेशक LIC म्यूचुअल फंड के चुनिंदा योजनाओं में 100 रुपये के साथ SIP शुरू कर सकते हैं और 1 रुपये के मल्टीपल्स में निवेश बढ़ा सकते हैं. साथ ही, LIC MF ने अपने लिक्विड फंड में डेली SIP का विकल्प भी जोड़ा है, जिससे लोगों को अपने पैसे को समय के साथ बढ़ाने का अधिक अवसर मिलेगा.
निवेश के नजरिए से देखा जाए तो 100 रुपये की एसआईपी काफी छोटी रकम है. आज के जमाने में मात्र 100 रुपये का एसआईपी निवेश कितनी फायदेमंद है, आइए जानते हैं.
कम SIP राशि से नए निवेशकों को मिलेगा फायदाकम SIP राशि छोटे निवेशकों, खासकर पहली बार निवेश करने वालों को वित्तीय बाजार में आने के लिए प्रोत्साहित करती है. ग्रामीण या निम्न आय वर्ग के कई लोग अधिक राशि से निवेश करने में संकोच करते हैं. न्यूनतम SIP राशि को कम करना सरकार की ‘जनधन योजना’ और अन्य वित्तीय समावेशन कार्यक्रमों के अनुरूप है.
कम राशि से निवेश की शुरुआत करने का अवसर मिलने से विभिन्न आय वर्गों, जैसे छात्रों और युवाओं के लिए निवेश की शुरूआत करना आसान हो जाता है. एक छोटी राशि नियमित रूप से निवेश की जाए तो चक्रवृद्धि ब्याज की शक्ति से यह लंबी अवधि में अच्छा लाभ दे सकती है. इसके अलावा, कम राशि निवेश करने से नए और सतर्क निवेशकों को बाजार में गिरावट के समय संभावित नुकसान की चिंता भी कम रहती है.
इस बदलाव से अनुशासित निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. 100 रुपये से SIP शुरू करने का उद्देश्य लगातार और दीर्घकालिक निवेश को प्रोत्साहित करना है. नए निवेशकों के लिए यह कम राशि बिना किसी बड़े निवेश का दबाव महसूस किए बाजार में कदम रखने का अवसर देती है.
लाॅन्ग टर्म में बेहतर रिटर्नSIP की न्यूनतम राशि को 100 रुपये तक कम कर फंड हाउस यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि म्यूचुअल फंड सिर्फ हाई-नेट-वर्थ निवेशकों के लिए नहीं बल्कि सभी आय वर्ग के लोगों के लिए भी है. म्यूचुअल फंड लक्ष्य-आधारित निवेश के लिए एक आवश्यक उपकरण के रूप में स्थापित हो चुके हैं, जो लोगों को उनके वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर रहे हैं. चर्क्रवृद्धि ब्याज (कंपाउंडिंग) के चलते लंबे समय में म्यूचुअल फंड में निवेश से बेहतर रिटर्न देखने को मिलता है.
(Disclaimer: इस लेख को एक्सपर्ट्स द्वारा व्यक्त किए गए विचार, राय, सिफारिशें और सुझाव का आधार लेते हुए गया है. यह लेख म्यूचुअल फंड में निवेश की सलाह नहीं है. किसी भी प्रकार का निवेश करने से पहले योग्य ब्रोकर्स या वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें.)
Tags: Business news, Mutual fundFIRST PUBLISHED : November 1, 2024, 14:45 IST
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