नई दिल्ली. बेटे को मां से मिले गिफ्ट की प्रामाणिकता पर सवाल उठा उसे सर्कुलर ट्रेडिंग ठहरा टैक्स लगाने पर आमादा आयकर अधिकारियों को मुंबई स्थित आयकर अपीलीय अधिकरण (ITAT) की एक पीठ में मुंह की खानी पडी है. पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि इस गिफ्ट पर कोई टैक्स नहीं लगाया जा सकता. पीठ ने कहा कि सर्कुलर ट्रेडिंग के आरोप आयकर अधिकारियों ने केवल गूगल सर्च और कुछ समाचार-पत्रों की रिपोर्ट के आधार पर ही जड़ दिए. इसके लिए स्वतंत्र जांच नहीं की गई. जबकि, एनआरआई बेटे की आर्थिक क्षमता स्पष्ट रूप से प्रदर्शित की गई थी. उसके बैंक खाते में गिफ्ट देने के समय पर्याप्त धनराशि थी, जिससे तोहफे की विश्वसनीयता साबित होती है.
दरअसल, एक एनआरआई ने अपनी मां को 3 करोड़ रुपये गिफ्ट में दिए थे. यह एनआरआई हांगकांग में एक प्रमुख हेज फंड ऑपरेटर है. यह तोहफा दो किश्तों में बैंकिंग चैनलों के माध्यम से दिया था. हालांकि, आयकर अधिकारी ने इस तोहफे की प्रामाणिकता पर सवाल उठाते हुए इसे एक सर्कुलर ट्रेडिंग लेनदेन बताया और मां को मिली रकम पर आयकर लगा दिया. आयकर अधिनियम के अनुसार, शादी जैसे विशेष अवसरों को छोड़कर, 50,000 रुपये से अधिक के तोहफों पर प्राप्तकर्ता को लागू स्लैब दरों पर कर देना होता है. लेकिन, नजदीकी रिश्तेदारों से मिले तोहफे करमुक्त होते हैं. लेकिन इस मामले में आयकर अधिकारी ने मां द्वारा प्राप्त 3 करोड़ रुपये को आयकर अधिनियम की धारा 68 के तहत “अव्याख्यित नकद क्रेडिट” माना और इसे न की गिफ्ट.
अपील में आयकर विभाग की हारआयकर अधिकारी की इस कार्रवाई को पहले आयुक्त (अपील) ने खारिज कर दिया था. इसके बावजूद, आयकर विभाग ने ITAT में अपील की. ITAT की पीठ, जिसमें बी. आर. भास्करन (लेखाकार सदस्य) और अनिकेश बनर्जी (न्यायिक सदस्य) शामिल थे, ने पहले के अपीली आदेश से सहमति व्यक्त की. पीठ ने पाया कि एनआरआई बेटे की आर्थिक क्षमता स्पष्ट रूप से प्रदर्शित की गई थी। उनके बैंक खाते में तोहफा देने के समय पर्याप्त धनराशि थी, जिससे तोहफे की विश्वसनीयता साबित होती है.
सर्कुलर ट्रेडिंग के आरोप खारिजआयकर विभाग ने तर्क दिया था कि बेटे द्वारा संचालित हेज फंड को पहले भारतीय बाजार में काम करने से भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था. इसके अलावा, मां ने एक भारतीय कंपनी को बिना कुछ गिरवी रखे लोन दिया था. यह भी कहा गया कि 2010-11 में मिला तोहफा 2012-13 में बेटे को लौटा दिया गया था. इसलिए यह सर्कुलर ट्रेडिंग का मामला है.
ITAT ने कहा कि गिफ्ट की राशि बैंक ट्रांसफर के माध्यम से हुई थी, और इसके सभी दस्तावेज आयकर अधिकारी को प्रस्तुत किए गए थे. यह भी पाया गया कि SEBI द्वारा हेज फंड पर लगाया गया प्रतिबंध वापस ले लिया गया था. इसके बावजूद, आयकर अधिकारी ने केवल गूगल सर्च और स्थानीय समाचार रिपोर्टों पर आधारित जानकारी का उपयोग कर दावा किया, जबकि कोई स्वतंत्र जांच या क्रॉस-वेरीफिकेशन नहीं किया.
अधिकरण का निष्कर्षITAT ने फैसला दिया कि तोहफे का लेनदेन पूरी तरह से दस्तावेजों में दर्ज था, और दाता की वित्तीय क्षमता स्पष्ट थी. आयकर विभाग का सर्कुलर ट्रेडिंग का दावा खारिज कर दिया गया. पीठ ने यह भी कहा कि मां द्वारा इस धनराशि का बाद में उपयोग और उसे बेटे को लौटाने का तोहफे की वैधता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता.
Tags: Income tax, Income tax department, Personal financeFIRST PUBLISHED : December 10, 2024, 10:05 IST
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