फैक्ट चेक
यह वीडियो तुर्की के कोन्या का है और यह घटना 2020 में एक डेयरी प्लांट में घटी थी जिसमें दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया था. |
दावा क्या है?
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक व्यक्ति फैक्ट्री में नहाते हुए दिखाई दे रहा है. वीडियो में वह व्यक्ति एक छोटे टब में लेटा हुआ है और एक मग में सफेद तरल भरकर उसे अपने सिर पर डाल रहा है. दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो केरल की एक डेयरी प्लांट का है, जहां एक मुस्लिम व्यक्ति दूध के टब में नहा रहा है और वही दूध पैक कर बाज़ार में बेचा जा रहा है.
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने वीडियो पोस्ट कर कैप्शन दिया, “केरल की एक दूध डेयरी (फैक्ट्री) का नजारा देखिए जहां एक मुस्लिम व्यक्ति दूध के टब में नहा रहा है और वही दूध पैक करके बाजार में बेचा जा रहा है.” इस पोस्ट को अब तक 110, 000 व्यूज़, 3,000 रीपोस्ट और 4,000 से ज़्यादा लाइक्स प्राप्त हो चुके हैं. पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. ऐसे ही दावों वाले अन्य पोस्ट यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
हालांकि, हमारी जांच में सामने आया कि वायरल हो रहा वीडियो न तो केरल का है और न ही भारत के किसी अन्य राज्य का. यह असल में 2020 का तुर्की का वीडियो है.
हमने सच का पता कैसे लगाया?
वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें इस घटना के बारे में कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं. हुर्रियत डेली न्यूज़ की नवंबर 6, 2020 की रिपोर्ट में बताया गया है कि तुर्की के एक शहर कोन्या के डेयरी प्लांट में एक व्यक्ति का दूध के टब में नहाने का वीडियो सामने आने पर हंगामा मच गया. इस रिपोर्ट में वही वीडियो है, जिसे अब केरल का बताकर शेयर किया जा रहा है.

तुर्की के न्यूज़ चैनल टीआरटी हबेर की रिपोर्ट के मुताबिक़, डेयरी प्लांट में काम करने वाले एम्रे सयार और एक अन्य कर्मचारी, उगुर तुर्गुत, जिसने नवंबर 6, 2020, को यह वीडियो टिकटॉक पर शेयर किया था, को गिरफ़्तार कर लिया गया था. डेयरी प्लांट पर जुर्माना लगाया गया और बाद में उसका लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया.
एक अन्य तुर्की रिपोर्ट में बताया गया है कि दोनों को छह दिनों तक जेल में रखा गया था. बाद में उन्हें मुकदमे के लिए ज़मानत पर रिहा कर दिया गया. मामले में अभियोक्ता ने कहा कि टब में मौजूद पदार्थ दूध नहीं बल्कि गर्म पानी और दूध के अवशेष थे. अदालत ने अक्टूबर 2021 में सयार और उगुर को बरी कर दिया. इसके बाद सयार ने मुआवज़े के तौर पर 120,000 लीरा की मांग करते हुए मुक़दमा दायर किया था. सयार ने केस जीत लिया लेकिन कोन्या की अदालत ने आदेश दिया कि उसे केवल 1,150 लीरा का भुगतान किया जाना चाहिए. एम्रे सयार ने क़रीब 70 लोगों के ख़िलाफ़ मानहानि का मुकदमा दायर किया था.
निर्णय
हमारी जांच से यह साफ हो गया है कि वायरल वीडियो केरल का नहीं, बल्कि 2020 का तुर्की के कोन्या का है.
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