कोलकाता के चर्चित रेप-मर्डर केस में सीबीआई ने महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है। इस मामले में दूसरी गिरफ्तारी आरजी कर(RG Kar) अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की हुई है, जिसने केस की गुत्थी सुलझाने में नयी राह खोली है। इससे पहले, सीबीआई ने संजय रॉय को गिरफ्तार किया था।
सीबीआई की क्राइम ब्रांच ने आरजी कर अस्पताल में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या मामले में गंभीर कदम उठाते हुए आरजी कर(RG Kar) मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी सोमवार को की गई थी, जब संदीप घोष से सॉल्टलेक सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सीबीआई कार्यालय में पूछताछ की जा रही थी।
पूछताछ का दौर
गिरफ्तारी से पहले सीबीआई ने संदीप घोष से महत्वपूर्ण जानकारी एकत्र करने के लिए गहन पूछताछ की। यह पूछताछ सीजीओ कॉम्प्लेक्स में हो रही थी, जिसके अंतर्गत सीबीआई ने कई मुद्दों पर जांच की।
भ्रष्टाचार निरोधक शाखा की भूमिका
सीबीआई की एंटी करप्शन विंग की भी इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यह शाखा आरजी कर अस्पताल में वित्तीय भ्रष्टाचार की जांच कर रही थी, जिसके चलते उन्होंने महत्वपूर्ण सबूत इकट्ठे किए। इन्हीं सबूतों के आधार पर सीबीआई ने घोष को गिरफ्तार करने का निर्णय लिया।
दुष्कर्म और हत्या का मामला
आरजी कर(RG Kar) अस्पताल में पिछले महीने एक 31 वर्षीय ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। इस घटना ने चिकित्सा समुदाय और समाज में भारी आक्रोश पैदा कर दिया था।
संजय रॉय की गिरफ्तारी
दुष्कर्म और हत्या के इस गंभीर मामले के आरोप में पहले ही संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया है, जो फिलहाल जेल में बंद है। संजय रॉय की गिरफ्तारी के बाद अब इस मामले को लेकर संदीप घोष की भी गिरफ्तारी हुई है जिससे यह मामला और गंभीर हो गया है।
संदीप घोष की गिरफ्तारी
सांतनु सेन ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने संदीप घोष की गिरफ्तारी पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। वित्तीय कदाचार के गंभीर आरोपों के चलते सीबीआई ने संदीप घोष पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और बेईमानी के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
सांतनु सेन का ट्वीट
सांतनु सेन ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘भगवान ने न्याय किया, ये सबूत ये है कि मैंने ग़लत नहीं कहा था। भ्रष्टाचार की जानकारी मैंने बहुत पहले ही सही जगह दे दी थी।’ उन्होंने इस ट्वीट के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि लंबे समय से उन्होंने इस मुद्दे को उजागर करने का प्रयास किया था और अब न्याय मिलता दिख रहा है।
संज्ञेय अपराध और गैर-जमानती मामले
सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए मामले संज्ञेय अपराध के अंतर्गत आते हैं और गैर-जमानती हैं, यानी अभियुक्त को तुरंत गिरफ्तार किया जा सकता है और उसे आसानी से जमानत नहीं मिल सकती। इन आरोपों की गंभीरता को देखते हुए, कलकत्ता उच्च न्यायालय की निर्देश पर केंद्रीय जांच एजेंसी ने कोलकाता पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) से जांच अपने हाथ में लेने के बाद प्राथमिकी दर्ज की थी।
संदीप घोष की गिरफ्तारी और सांतनु सेन के ट्वीट ने इस पूरे मामले को और भी चर्चा में ला दिया है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आगे की जांच में क्या तथ्य सामने आते हैं और न्याय की प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ती है।
नौ अगस्त को आरजी कर में हुई थी वारदात
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में नौ अगस्त की घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। संदीप घोष, जिन्होंने फरवरी 2021 से सितंबर 2023 तक अस्पताल के प्रिंसिपल के रूप में कार्य किया, को हाल ही में अक्टूबर 2023 में पुनःस्थापित किया गया था। हालांकि, वह एक माह के भीतर अप्रत्याशित रूप से अपनी पुरानी भूमिका में वापस लौट आए।
प्रिंसिपल संदीप घोष की वापसी
संदीप घोष का स्थानांतरण अक्टूबर 2023 में हुआ था, लेकिन परिस्थितियों के कारण उन्हें जल्द ही अपनी पुरानी भूमिका में लौटना पड़ा। घोष की वापसी ने अस्पताल के संचालन और व्यावहारिकता में स्थिरता लाई, लेकिन दुर्भाग्य से यह स्थिरता लंबे समय तक नहीं बनी रही।
विवरण
नौ अगस्त को एक दर्दनाक घटना घटी, जिसने सभी को स्तब्ध कर दिया। अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ क्रूरतापूर्वक बलात्कार और हत्या कर दी गई। नौ अगस्त को उसका अर्धनग्न शव पाया गया था, जिसने पूरे चिकित्सा समाज में हडकंप मचा दिया।
निष्कर्ष
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में संदीप घोष की वापसी और नौ अगस्त की घटना ने कई अनुत्तरित प्रश्न छोड़ दिए हैं। इस प्रकार की घटनाएं चिकित्सा समुदाय की सुरक्षा और नैतिकता पर गंभीर सवाल उठाती हैं, जिनका संबोधन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।