भारत को खतरा, जल्द मिसाइल से हमला कर सकते हैं हूती विद्रोही! पाकिस्तान का सनसनीखेज दावा

Must Read

Pakistan On India Remark Over Houthi Attack: पाकिस्तान लंबे समय से भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देता आया है. चाहे वह 26/11 मुंबई हमले हों या पुलवामा जैसी घटना, हर बार आतंकी हमलों में पाकिस्तान की संलिप्तता सामने आती है. हाल ही में पाकिस्तान के पूर्व सांसद और शिया नेता फैसल रजा आबिदी ने यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा भारत पर हमले की आशंका जताई है. यह बात उन्होंने एक टेलीविजन कार्यक्रम में कही, जिसने खलबली मचा दी.

आबिदी के अनुसार, हूती जल्द ही भारत के पश्चिमी तट पर मिसाइलें दाग सकते हैं. उनकी यह बात सिर्फ एक भड़काऊ बयान नहीं है, बल्कि इससे पाकिस्तान की भारत को अस्थिर करने की लगातार कोशिशें भी उजागर होती हैं. पाकिस्तान अब आतंकवाद से आगे बढ़कर नए मोर्चों पर भारत के खिलाफ रणनीति बना रहा है.

कौन है हूती विद्रोही समूह?
हूती विद्रोही उत्तरी यमन में सक्रिय शिया मुसलमानों का एक समूह है, जिसे “अंसार अल्लाह” के नाम से भी जाना जाता है. 2004 में इस संगठन ने यमन की सरकार के खिलाफ हथियार उठाए और तब से लेकर अब तक यह कई बड़े इलाकों पर कब्जा कर चुका है.

हूती को ईरान का समर्थन
हूती विद्रोहियों को सबसे बड़ा समर्थन ईरान से मिलता है. रिपोर्ट्स के अनुसार, 2009 से ही ईरान लगातार हूतियों को हथियार, ड्रोन और मिसाइलें उपलब्ध करा रहा है. ईरान की मदद से हूतियों के पास अब तक कई आधुनिक हथियार सिस्टम मौजूद हैं, जिनमें शामिल हैं.
तूफान बैलिस्टिक मिसाइल (रेंज: 1950 किमी)
कुद्स-4 क्रूज मिसाइल (रेंज: 2000 किमी)
समद-3 ड्रोन (रेंज: 2500 किमी)
वाइद-2 ड्रोन (रेंज: 2000 किमी)

वॉशिंगटन स्थित विल्सन सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक हूती पहले ही इन हथियारों का उपयोग सऊदी अरब और इजरायल जैसे देशों पर कर चुके हैं. 19 जुलाई 2024 को इन्होंने समद-3 ड्रोन के जरिए तेल अवीव पर हमला किया था. इससे यह तो स्पष्ट हो गया कि हूती अब क्षेत्रीय ताकत बन चुके हैं और उनका खतरनाक एजेंडा सिर्फ यमन तक सीमित नहीं है.

क्या हूती भारत तक हमला करने की क्षमता रखते हैं?
अब सवाल यह उठता है कि क्या हूती विद्रोही भारत पर हमला करने की स्थिति में हैं? भूगोल के लिहाज से भारत और यमन के बीच सबसे कम दूरी करीब 2500 किलोमीटर है. हूतियों के हथियारों को देखें तो समद-3 ड्रोन की अधिकतम रेंज 2500 किमी है.कुद्स-4 क्रूज मिसाइल 2000 किमी तक हमला कर सकती है. बैलिस्टिक मिसाइल ‘तूफान’ भी 1950 किमी तक जाती है. इसका मतलब यह है कि वर्तमान में हूती मिसाइलें भारत की मुख्य भूमि तक पूरी तरह नहीं पहुंच सकतीं, लेकिन उनके ड्रोन सैद्धांतिक रूप से भारत तक पहुंच सकते हैं. हालांकि, यह अत्यंत कठिन और तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण मिशन होगा, विशेषकर भारत की मजबूत वायु रक्षा को देखते हुए.

भारत आक्रामक और रक्षात्मक दोनों स्तरों पर मजबूत
भारत ने अपनी वायु सुरक्षा को कई स्तरों पर मजबूत किया है. सबसे महत्वपूर्ण रक्षा कवच है रूस से मिला S-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम. ये 400 किमी दूर तक के हवाई खतरे को पहचान और नष्ट करने में सक्षम है. ये एक साथ 80 टारगेट को ट्रैक कर सकता है. मिसाइल, ड्रोन और एयरक्राफ्ट जैसे कई प्रकार के टारगेट को मार गिराने की क्षमता रखता है. भारत के पास राफेल और सुखोई जैसे फाइटर जेट्स, इंटीग्रेटेड एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (IACCS) समेत DRDO की ओर से विकसित स्वदेशी मिसाइल डिफेंस सिस्टम मौजूद है. इन सभी संसाधनों के कारण, भारत हूती विद्रोहियों की किसी भी आक्रामक कार्रवाई का न सिर्फ जवाब दे सकता है, बल्कि हमलावर को तबाह करने की क्षमता भी रखता है.

world news, world news today, latest world news, latest news, hindi world news, hindi news today, oxbig news, oxbig news network, oxbig hindi, oxbig hindi news, hindi oxbig, oxbig

English News

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest Article

- Advertisement -