पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि उसे हर महीने कर्ज के लिए भीख मांगनी पड़ रही है. अब फिर से उसे 544 मिलियन डॉलर का कर्ज मिलने वाला है. इसके लिए उसने वर्ल्ड बैंक (World Bank) और एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) से गुहार लगाई थी, जिसको अप्रूवल मिल चुका है. ये लोन पाकिस्तान ने शिक्षा, महिलाओं को फाइनेंशियली मजबूत करने और उन्हें सशक्त बनाने के नाम पर लिया है.
वर्ल्ड बैंक ने बुधवार (25 जून, 2025) को पाकिस्तान के लिए 194 मिलियन डॉलर के कर्ज को अप्रूवल दे दिया है और उसने महिलाओं के वित्तीय समावेशन और आर्थिक सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए एडीबी के साथ 350 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए.
पाकिस्तानी न्यूज चैनल समा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार वर्ल्ड बैंक से दो प्रोजेक्ट्स के तहत पाकिस्तान को ये लोन मिला है, जिसका इस्तेमाल वह बलूचिस्तान प्रांत में बच्चों को शिक्षा के नए अवसर देने में और जल सुरक्षा को मजबूत करने में करेगा. पाकिस्तान में वर्ल्ड बैंक के डायरेक्टर नेजी बेहसिन ने कहा कि प्रोजेक्ट का मकसद बलूचिस्तान में शिक्षा से वंचित बच्चों के लिए शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाना है.
नेजी बेहसिन ने यह भी कहा कि जल सुरक्षा प्रोजेक्ट से बलूचिस्तान को जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद मिलेगी. वर्ल्ड बैंक का यह भी कहना है कि बलूचिस्तान में बुनियादी ढांचे और मानव विकास पर निवेश से प्रांत में रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
रेडियो पाकिस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, महिला समावेशी वित्त (WFI) क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत समझौते पर मंगलवार को आर्थिक मामलों के प्रभाग की अतिरिक्त सचिव सबीना कुरैशी और परियोजना प्रशासन इकाई के प्रमुख दिनेश राज शिवकोटी ने हस्ताक्षर किए.
रिपोर्ट में कहा गया, ‘यह कार्यक्रम महिलाओं को वित्तीय सेवाओं तक बेहतर पहुंच, व्यावसायिक अवसरों का विस्तार और रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करेगा.’ डब्ल्यूआईएफ का उप-कार्यक्रम-2 चार प्रमुख सुधार क्षेत्रों पर केंद्रित है. इसमें महिलाओं के वित्तीय समावेशन के लिए सक्षम नीति और नियामकीय वातावरण बनाना, महिलाओं के लिए वित्त बढ़ाना, महिलाओं की उद्यमिता क्षमता को मजबूत करना और वित्तीय क्षेत्र के भीतर समावेशी और न्यायसंगत कार्यस्थलों को बढ़ावा देना शामिल है.
रेडियो पाकिस्तान ने कहा कि यह समझौता महिलाओं को राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का सक्रिय हिस्सा बनाने की पाकिस्तान सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है. इस पहल से न सिर्फ महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होंगी, बल्कि इससे उनके अधिक समावेशी, न्यायसंगत और समृद्ध भविष्य का मार्ग भी प्रशस्त होगा.
9 जून को जारी आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के शुरुआती नौ महीनों में पाकिस्तान का कुल कर्ज बढ़कर 76,000 अरब पाकिस्तानी रुपये हो गया है. इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि चालू वित्त वर्ष में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था सिर्फ 2.7 प्रतिशत की दर से ही वृद्धि कर पाएगी.
पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पिछले साल सात अरब डॉलर के बाह्य कोष सुविधा (IFF) ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. पाकिस्तान को अबतक दो किस्तें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से दूसरी किस्त इस वर्ष मई में वितरित की गई थी.
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