व्हाइट हाउस में बटन दबाते ही खुलता है सीक्रेट सुरंग का खुफिया दरवाजा, इससे होता है ये काम

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हाइलाइट्स

व्हाइट हाउस में कई सीक्रेट सुरंगें हैं और लंबी भी सुरंगें राष्ट्रपति को आपातकाल में सुरक्षित स्थानों तक ले जाती हैंइन सुरंगों में लंबे समय के लिए खाने की भी व्यवस्था रहती है

डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के नए राष्ट्रपति के रूप में 20 जनवरी को शपथ लेंगे. अमेरिका में हर नया निर्वाचित प्रेसीडेंट हमेशा इसी तारीख को पद की शपथ लेकर कार्यभार संभालता है. उसी दिन ट्रंप व्हाइट हाउस पहुंचेंगे और फिर अगले चार सालों तक ये उनका घर होगा. व्हाइट हाउस में वो सबकुछ जो अमेरिकी प्रेसीडेंट को कंफर्ट भी रखे और महफूज भी. अगर तकनीक दृष्टि से अभेद्य किला बनाया जा चुका है तो पुराने स्थापत्य ने भी हर वो जतन किए हैं, जिसमें देश के राष्ट्रपति का बालबांका भी नहीं हो. इसके मद्देनजर यहां बहुत कुछ है. क्या आपको मालूम है कि व्हाइट हाउस में कई खुफिया सुरंगें भी हैं.

मध्य काल में भारत से लेकर यूरोप तक राजा, महाराजाओं और शासकों ने अपने किलों में बड़े पैमाने पर सुरंगों का निर्माण कराया था. ताकि संकट के समय वह उसके जरिए ऐसी जगह भाग सकें, जहां महफूज रहें. अगर किले पर किसी तरह का हमला हो भी जाए तो उन्हें बचने का मौका मिले. इसलिए खुफिया सुरंगें दुनिया के हर कोने में मिलती हैं. व्हाइट हाउस में भी कई सुरंगें हैं जो आपातकाल में प्रेसीडेंट, उनके परिवार और व्हाइट हाउस स्टाफ को सुरक्षित बाहर ले जा सकती हैं. इसकी किसी को कानोंकान खबर भी नहीं होगी.

जब सुरंगें नहीं बनी थीं, तब से ही इसे लेकर अमेरिकी पत्रकारों के बीच तमाम बातें कही जाने लगीं थीं. साल 1930 में ये बातें जोरों पर थीं. हालांकि तब ऐसी कोई सुरंग व्हाइट हाउस में नहीं थी लेकिन साल 1941 में पर्ल हार्बर अटैक के बाद वास्तव में इसके निर्माण की जरूरत महसूस की गई. काम भी शुरू हो गया.

व्हाइट हाउस के लोअर बेसमेंट से गुजरती सुरंग (Photo- whitehouse website)

1950 के दशक में सुरंगों का बनना शुरू हुआ
सुरंगों का बनना साल 1950 में तत्कालीन प्रेसिडेंट हैरी एस ट्रूमैन (Harry S. Truman) के कार्यकाल में शुरू हुआ. तब लगभग डेढ़ सौ साल पहले बने इस प्रेसीडेंट हाउस की हालत खस्ता होने लगी थी. उसकी दीवारों में जगह-जगह दरारें बनने लगीं.

तय किया गया कि भवन को दोबारा बनाने की जरूरत है. तब प्रेसीडेंट ट्रूमैन पास के ही ब्लेयर हाउस में शिफ्ट हो गए. पूरे तीन सालों तक वहीं रहे. इस दौरान व्हाइट हाउस का निर्माण नए सिरे से हुआ. इसी बीच सेफ्टी को देखते हुए एक टनल भी तैयार हुई जो ईस्ट विंग को वेस्ट विंग से जोड़ती थी. इसके जरिए खुफिया बंकर तक पहुंचा जा सकता था.

80 के दशक के आखिर में दूसरी सीक्रेट सुरंग बनी
साल 1987 में दूसरी सीक्रेट सुरंग तैयार हुई, तब यूएस के 40वें राष्ट्रपति Ronald Reagan हुआ करते थे. रीगन के कार्यकाल में लगातार बढ़ती आतंकी हमलों की धमकी के कारण ये सुरंग तैयार की गई.

व्हाइट हाउस की वेबसाइट के मुताबिक सुरंग के जरिए राष्ट्रपति एक खुफिया सीढ़ी तक पहुंच सकते हैं, जो ओवल ऑफिस के पास है, यहां पहुंचकर एक बटन दबाने पर सीक्रेट दरवाजा खुल जाता है. हालांकि ये दरवाजा कहां ले जाता है, इसकी कोई जानकारी नहीं है.

सुरंगों का बनना साल 1950 में तत्कालीन प्रेसिडेंट हैरी एस ट्रूमैन के कार्यकाल में शुरू हुआ (Photo- whitehouse website)

तीसरी सुरंग भी है
इसके अलावा एक और सुरंग भी है, जिसके बारे में काफी लोग जानते हैं. ये ईस्ट विंग के बेसमेंट से होते हुए ट्रेजरी बिल्डिंग तक जाती है. इसे 33वें राष्ट्रपति Franklin D. Roosevelt ने बनवाया था. ये इस तरह से बनाई गई है कि हवाई हमलों का इसपर कोई असर न हो. एक और सुरंग वाइट हाउस को ओल्ड एग्जीक्यूटिव ऑफिस बिल्डिंग से जोड़ती है. हालांकि कहा जाता है कि ये टनल बहुत सी जगहों पर खुलती है, जहां से बाहर कई सुरक्षित और अज्ञात जगहों पर पहुंचा जा सकता है. हालांकि इस बात का कोई लिखित प्रमाण नहीं.

व्हाइट हाउस में खुफिया सुविधाओं को President’s Emergency Operations Center (PEOC) नाम दिया गया है. इसके तहत सरकारी इमारतों की सुरक्षा तय करने वाली संस्था GSA (General Services Administration) ने खुफिया बंकर और सुरंगें तैयार कीं.

ना परमाणु बम का असर ना रेडिएशन का
एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक निर्माण कार्य को पूरी तरह से गुप्त रखा गया. कामगारों के फोन तक टैप होते रहे. यहां के सीक्रेट बंकर की दीवार इतने मोटे कंक्रीट की बनी है कि उसपर परमाणु बम और किसी भी रेडिएशन का असर नहीं हो सकता है. साथ ही ऐसी व्यवस्था है कि जमीन के भीतर होने के बाद भी बंकर और सुरंगों में पर्याप्त ऑक्सीजन आती-जाती रहे. सिएटल टाइम्स के अनुसार भीतर इतना खाना हरदम रखा रहता है जो आपात हालात में कई महीने चल सकता है.

साल 2017 में जब डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता संभाली, तब उन्हें और कुछ आला अधिकारियों को सुरक्षा के सारे इंतजाम दिखाए गए थे. वे काफी देर के लिए भूमिगत रहे. इसी तरह जब जो बाइडन अमेरिका के प्रेसीडेंट बने तो उन्हें भी ये सुरंगें दिखाई गईं. जब भी अमेरिका का नया राष्ट्रपति शपथ ले लेता है तो उसे व्हाइट हाउस की इन चीजों के बारे में जरूर बताया जाता है. हालांकि ट्रंप अब जब दोबारा शपथ लेंगे तो उन्हें इसके बारे में पहले से ही मालूम होगा.

Tags: President Donald Trump, United States (US), United States of America, US President, White house

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