Explainer: ट्रंप के जीतते ही क्यों सऊदी में जुटे 50+ मुस्लिम देश? क्या है 33 सूत्रीय एजेंडा

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सऊदी अरब की राजधानी रियाद में अरब और इस्लामिक देशों का आपातकालीन सम्मेलन बुलाया गया. इस सम्मेलन में दुनिया के 50 से ज्यादा मुस्लिम कंट्रीज के सर्वोच्च नेताओं ने हिस्सा लिया. जिसमें सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से लेकर तुर्की के राष्ट्रपति रेसप तैय्यप एर्दोगन तक शामिल थे. यह सम्मेलन ऐसे वक्त में बुलाया गया जब पिछले हफ्ते ही अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को एकतरफा जीत मिली. आखिर इस सम्मेलन का मकसद क्या था, सम्मेलन में क्या-क्या चर्चा हुई और कौन सा एजेंडा पेश किया गया? समझते हैं…

क्यों सऊदी में जुटे 50+ मु्स्लिम देश
सऊदी प्रेस एजेंसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक रियाद में आपातकालीन सम्मेलन सऊदी अरब की पहल पर ही बुलाया गया. जिसमें ईरान से लेकर इराक, जॉर्डन, तुर्की, मिस्र, फिलिस्तीन और तमाम अरब-इस्लामिक देशों के नेता शामिल हुए. इस सम्मेलन का मकसद ईरान, लेबनान, गाजा और फिलिस्तीन के मसले पर चर्चा और आगे की रणनीति तय करना था.बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस्लामिक देशों का यह सम्मेलन डोनाल्ड ट्रंप की जीत के ठीक बाद एक रणनीति के तहत बुलाया गया. ताकि खासकर लेबनान और गाजा में इजरायल की कार्रवाई को रोकने के लिए उनपर दबाव बनाया जा सके.

क्या ट्रंप पर दबाव बनाने की कोशिश?
डोनाल्ड ट्रंप इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के करीबी माने जाते हैं. वह कई मौकों पर कह चुके हैं अगर वो सत्ता में होते तो युद्ध शुरू ही नहीं होता है. ऐसे में यह माना जा रहा है कि इस्लामिक देश ट्रंप पर एक नैतिक दबाव बनाना चाहते हैं ताकि वो इजरायल की कार्रवाई रुकवाएं. यहां एक बात और गौर करने वाली है. सम्मेलन की पहल और अगुवाई सऊदी अरब ने की, जो अमेरिका का करीबी माना जाता है. ताकि ट्रंप पर और दबाव पड़े.

सम्मेलन में क्या-क्या हुआ?
इस सम्मेलन में पहली बार इस्लामिक देशों ने एक स्वर में लेबनान, गाजा, फिलिस्तीन में इजरायल की कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाई. इजरायल के हमलों को फौरन रोकने की अपील की है. सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने ने दो टूक कहा कि सऊदी अरब इजरायल द्वारा फिलिस्तीनियों के जनसंहार की निंदा करता है और इसको तुरंत रोकना चाहिए. प्रिंस सलमान ने कहा कि फिलीस्तीन एक स्वतंत्र देश है और उसको इंडिपेंडेंट कंट्री का दर्जा मिलना चाहिए. इजरायल को तुरंत वेस्टबैंक और गाजा से अपने सैनिकों को हटाना चाहिए और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इजरायल पर इसके लिए दबाव बनाना चाहिए. सऊदी क्राउन प्रिंस का इशारा साफ-साफ तौर पर अमेरिका की तरफ था.

सऊदी क्राउन प्रिंस ने ईरान का जिक्र करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उसकी संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए और इजरायल पर इसके लिए दबाव बनाना चाहिए. प्रिंस सलमान ने कहा कि ईरान पर किसी भी तरह के हमले की इजरायल की कोशिश को सऊदी पूरी तरह खारिज करता है.

सम्मेलन में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने कहा कि हम गाजा पट्टी फिलिस्तीनियों की हत्या की निंदा करते हैं. मिस्र हमेशा फिलिस्तीनियों को खत्म करने, विस्थापित करने या गाजा में नरसंहार का विरोध करेगा. उन्होंने कहा कि मिस्र, लेबनान के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है और हमेशा उनकी मदद करता रहेगा.

अल-अक्सा मस्जिद का मुद्दा भी उठा
इस्लामिक देशों के इस सम्मेलन में यरूशलम की अल-अक्सा मस्जिद (Al Aqsa Masjid) का भी मुद्दा उठा. मुस्लिम नेताओं ने आरोप लगाया कि इजरायल बार-बार अल अक्सा मस्जिद की पवित्रता का उल्लंघन कर रहा है. सऊदी के क्राउन प्रिंस ने कहा कि इजरायल बार-बार फिलिस्तीन के वैध अधिकारों में दखल दे रहा है और उन्हें खत्म करने की कोशिश कर रहा है, जो किसी तरह ठीक नहीं है. अल-अक्सा मस्जिद इस्लाम के सबसे पवित्र स्थलों में से एक माना जाती है. इसको लेकर इजराइल-फिलीस्तीन के बीच दशकों से विवाद चला आ रहा है.

क्या है सम्मेलन का 33 सूत्रीय एजेंडा
रियाद सम्मेलन में इस्लामिक देशों ने इजरायल-गाजा समस्या को हल करने और दूसरे मुद्दो पर एक 33 सूत्रीय मसौदा भी पेश किया है. इस मसौदे में कहा गया है-

1. 33 सूत्रीय मसौदे में फिलीस्तीन के प्रति समर्थन जाहिर किया गया है
2. मसौदे में लेबनान, ईरान, इराक और सीरिया के संप्रभुता की उल्लंघन की निंदा की गई है
3. इजरायल गाजा संघर्ष खत्म करवाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की गई है
4. फिलिस्तीन में संयुक्त राष्ट्र के समाधान और अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के फैसलों को लागू करवाने की अपील की गई है
5. फिलिस्तीनियों के कार्य काम करने वाली UN की एजेंसी यूनाइटेड नेशंस रिलीफ एंड वर्क्स फॉर फिलिस्तीन (UNRWA) से प्रतिबंध हटाने की मांग की गई है

Tags: Donald Trump, Israel Iran War, Saudi Arab, Saudi Crown Prince

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