Canada News: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की जगह कौन लेगा? इस सवाल का जवाब इस समय हर कोई जानना चाहता है. इस रेस में इस समय क्रिस्टिया फ्रीलैंड और मार्क कार्नी सबसे आगे चल रहे हैं. ये दोनों नेता घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों जैसे कि अमेरिका के साथ बढ़ते व्यापार तनाव को हल करने के लिए अपनी योग्यता साबित करने की कोशिश कर रहे हैं.
पिछले साल आई राजनीतिक चुनौतियों के बाद ट्रूडो ने जनवरी में घोषणा की थी कि जैसे ही उनका उत्तराधिकारी चुना जाएगा, वह लिबरल पार्टी के नेता के पद से इस्तीफा दे देंगे और अंत में प्रधानमंत्री कार्यालय भी छोड़ देंगे. आइये जानते हैं क्रिस्टिया फ्रीलैंड और मार्क कार्नी के बारे में:
मार्क कार्नी
इस रेस में इस समय सबसे आगे मार्क कार्नी चल रहे हैं. वो बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ कनाडा के पूर्व गवर्नर रह चुके हैं. अपने वित्तीय अनुभव के आधार पर कार्नी ने स्वच्छ ऊर्जा, जलवायु नीति और कनाडा की आर्थिक समृद्धि को अपने अभियान के प्रमुख मुद्दे बनाए हैं. अपने अभियान की शुरुआत करते हुए, कार्नी ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे उन्होंने 2008 के वित्तीय संकट के दौरान कनाडा सरकार को कर्ज संकट से बाहर निकालने में मदद की थी और ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को ब्रेक्सिट के दौरान संभाला था. कार्नी का कहना है कि वह कनाडा को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी बनाना चाहते हैं.
विशेषज्ञों का मानना है कि कार्नी को लिबरल सांसदों और यहां तक कि ट्रूडो की कैबिनेट का समर्थन भी मिला है. उनके मजबूत आर्थिक ज्ञान के कारण कई लोग उन्हें इस कठिन समय के लिए उपयुक्त नेता मानते हैं. ओटावा विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर चार्ल्स-एटियेन ब्यूडी ने CNN से कहा कि वो बहुत सक्षम हैं इसलिए इन व्यापारिक प्रतिबंधों और आर्थिक युद्ध के समय बहुत से लोग उन्हें समर्थन दे रहे हैं. कार्नी ने अमेरिका के साथ व्यापारिक मुद्दों पर अपनी राय स्पष्ट रखते हुए फरवरी में कहा था, “हमें अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कई बार अपमानित किया गया है, लेकिन हम उस अपमान का बदला नहीं लेंगे.”
क्रिस्टिया फ्रीलैंड
पश्चिमी कनाडा के अल्बर्टा प्रांत में एक यूक्रेनी मां के घर जन्मी फ्रीलैंड ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पढ़ाई की और उसके बाद कई वर्षों तक पत्रकार के रूप में रूस और यूक्रेन को कवर किया. उन्होंने 2013 में राजनीति में प्रवेश किया और लिबरल पार्टी में तेजी से आगे बढ़ते हुए ट्रूडो की सरकार में कई कैबिनेट पदों को संभाला. फ्रीलैंड पहले भी व्यापार के मुद्दे पर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भिड़ चुकी हैं. 2018 में विदेश मंत्री के रूप में उन्होंने कनाडा, अमेरिका और मैक्सिको के बीच मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement) को फिर से वार्ता कराकर संशोधित किया, जिसे ट्रंप बार-बार रद्द करने या दोबारा बातचीत करने की बात करते रहे हैं.
इसके अलावा ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान जब अमेरिका ने कनाडा से आयात होने वाले स्टील और एल्युमिनियम पर भारी शुल्क (Tariffs) लगा दिए थे, तब फ्रीलैंड ने अमेरिका के खिलाफ खुलकर विरोध दर्ज कराया था. इसके चलते ट्रंप ने फ्रीलैंड को व्यक्तिगत रूप से निशाना बनाया था.
करीना गूल्ड
करीना गूल्ड कनाडा की सबसे कम उम्र की महिला मंत्री रही हैं. जनवरी में जब उन्होंने अपना चुनाव प्रचार शुरू किया तो उन्होंने खुद को जनरेशनल शिफ्ट का हिस्सा बताते हुए कहा कि लिबरल पार्टी को भी इस बदलाव को अपनाने की जरूरत है.
गूल्ड ने अपने अभियान के दौरान बड़े कॉरपोरेट कंपनियों पर कर बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है, खासकर उन कंपनियों पर जिनकी वार्षिक आय 500 मिलियन डॉलर से अधिक है. गूल्ड का कहना है कि इससे कंपनियों को अपने व्यापार और उत्पादकता में दोबारा निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, वरना उन्हें बढ़े हुए कॉर्पोरेट टैक्स का सामना करना पड़ेगा.
अगर वह चुनी जाती हैं तो गूल्ड ने यह स्पष्ट किया है कि उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता कनाडा और अमेरिका के बीच चल रहे व्यापार विवाद को हल करना होगा, उसके बाद ही वह आम चुनाव के लिए आगे बढ़ेंगी.अन्य उम्मीदवारों की तरह गूल्ड ने भी अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रति सख्त रुख अपनाने की वकालत की है.
फ्रैंक बेयलिस
फ्रैंक बेयलिस, जो मॉन्ट्रियल के एक प्रसिद्ध व्यवसायी हैं, ने 2015 से 2019 के बीच सांसद (Lawmaker) के रूप में काम किया. फरवरी में उन्होंने एक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें उन्होंने कनाडा से प्राकृतिक गैस के निर्यात के लिए दो पाइपलाइनों के निर्माण की योजना का सुझाव दिया. इस पाइपलाइन से यूरोप और एशिया के अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्राकृतिक गैस का निर्यात किया जाएगा, जिससे कनाडा की अमेरिका पर निर्भरता कम हो सके.
बेयलिस का मानना है कि कनाडा की अर्थव्यवस्था एक ही देश पर बहुत अधिक निर्भर हो गई है और इसे बदलने के लिए नए व्यापारिक साझेदारों के साथ काम करने की जरूरत है. बेयलिस ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ रिश्तों को लेकर कड़ी आलोचना की है.
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