Trump-Zelensky Meeting: व्हाइट हाउस में शुक्रवार (28 फरवरी 2025) को हुई तीखी नोकझोंक के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने सुझाव दिया है कि यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेंलेंस्की को डोनाल्ड ट्रंप ने मांफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बैठक से पहले जेलेंस्की का काफी तनाव में थे, यही वजह है कि लाइव मीटिंग के दौरान तीखी नोकझोंक हुई थी.
कैमरे के पीछे जेलेंस्की ने क्या किया?
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस का बचाव करते हुए रुबियो ने कहा, “आप लोगों ने केवल वीडियो का अंत देखा है. आप उन सभी चीजों को नहीं देखा, जिसके कारण यह हुआ. रुबियो ने तर्क दिया कि बैठक से पहले जेलेंस्की की हरकतें अमेरिकी नेतृत्व को घेरने की थी. उन्होंने कहा कि ट्रंप ने शांति वार्ता का प्रस्ताव रखा था, लेकिन जेलेंस्की ने इस बैठक को कमजोर कर दिया. उन्होंने आगे कहा कि क्या जेलेंस्की वास्तव में रूस के साथ युद्ध को समाप्त करना चाहते थे?
सीएनएन से बात करते हुए अमेरिकी विदेश ने आरोप लगाया कि जेलेंस्की समाधान के बजाय शर्तें रख रहे थे. ट्रंप के साथ तीखी नोकझोंक के कुछ घंटों बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ भी गलत नहीं किया, जिसके लिए उन्हें माफी मांगने की जरूरत हो. यूक्रेन के राष्ट्रपति ने स्वीकार किया कि यह तीखी नोकझोंक अच्छी नहीं थी, लेकिन इसमें अपनी भूमिका के लिए उन्होंने कोई खेद व्यक्त नहीं किया.
दोस्तों के बीच खुली बात हुई- जेलेंस्की
फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक जेलेंस्की ने ट्रंप के साथ नोकझोंक का बचाव करते हुए कहा कि यह दोस्तों के बीच एक खुली और ईमानदार बातचीत थी. अमेरिकी नेताओं ने जेलेंस्की पर उनकी टिप्पणियों के लिए व्हाइट हाउस और अमेरिका का अनादर करने का आरोप लगाया. दोनों पक्षों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए. इस समझौते का उद्देश्य कीव के युद्ध प्रयासों में किए मदद के लिए यूक्रेन के दुर्लभ खनिज और अन्य प्राकृतिक संसाधनों के भंडार पर अमेरिका का अधिकार स्थापित करना था.
जेलेंस्की ने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप का समर्थन पाना हमारे लिए महत्वपूर्ण है. वह युद्ध खत्म करना चाहते हैं, लेकिन हमसे ज्यादा कोई शांति नहीं चाहता है. हमलोग यूक्रेन में युद्ध को जी रहे हैं. यह हमारी आजादी, हमारे अस्तित्व की लड़ाई है.” उन्होंने कहा, “यूक्रेन शांति चाहता है, लेकिन यह न्यायसंगत और स्थायी शांति होनी चाहिए. इसके लिए हमें बातचीत की मेज पर मजबूत होने की जरूरत है.”
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