तुर्किए की राजधानी इस्तांबुल में सोमवार (2 जून, 2025) को रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल के बीच वार्ता हुई. इस बातचीत की शुरुआत 2 घंटे देरी से हुई और ये बैठक एक घंटे भी नहीं चली. वार्ता के दौरान दोनों देशों के डेलिगेशन के तेवर सख्त रहे.
तुर्की के विदेश मंत्री हकान फिदान ने इस्तांबुल के सिरागन पैलेस में शांति वार्ता की अध्यक्षता की, जो ओटोमन साम्राज्य का एक निवास स्थान है. इस वार्ता का उद्देश्य दोनों पक्षों को लेकर युद्ध विराम की शर्तों पर चर्चा करना था.
दोनों पक्षों को युद्ध विराम स्वीकार के लिए मजबूर करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सारे प्रयास अब तक विफल रहे हैं. जेलेंस्की ने रूस पर नए प्रतिबंध लगाने, तेल व्यापार और टैंकरों के उपयोग को सीमित करने का आह्वान किया है.
‘अगर रूस पर दबाव नहीं दिया तो पुतिन खेल खेलते रहेंगे’
APTN की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि अगर इस बातचीत से कुछ भी ठोस निकलकर नहीं आता है तो रूस पर नए प्रतिबंध लगाने की जरूरत है, और केवल यूरोप से नहीं. हमें G7 स्तर पर संयुक्त प्रतिबंधों पर काम करने की आवश्यकता है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका और दुनिया में हर कोई शामिल है जो शांति चाहता है. उन्होंने आगे कहा कि दबाव के बिना पुतिन उन सभी के साथ खेल खेलते रहेंगे, जो इस युद्ध को समाप्त कराना चाहते हैं.
शांति वार्ता में किस मुद्दे पर बनी सहमति?
लिथुआनिया के विल्नियस में बोलते हुए जेलेंस्की ने कहा कि दोनों पक्षों ने तुर्की के माध्यम से दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया है. हम युद्ध के कैदियों की नई रिहाई की तैयारी कर रहे हैं. इस दौरान रूस-यूक्रेन के बीच 6000 सैनिकों के शवों की अदला-बदली का भी जिक्र किया गया है. तुर्किए में हुई शांति वार्ता में कैदियों की रिहाई पर भी सहमति बनी. हालांकि, सीजफायर किए जाने को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका. 16 मई, 2025 को हुई पिछली बातचीत में भी कैदियों की अदला-बदली हुई थी, जिसमें दोनों पक्षों के 1,000 कैदियों को एक दूसरे को सौंपा गया था.
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