Vikas Yadav News: खालिस्तानी मोस्ट वांटेड आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू का नाम तो याद ही होगा. विकास यादव नाम के शख्स ने भारत के पंजाब को देश से अलग करने की मंशा रखने वाले इस आतंकी की कथित तौर पर जान से मारने की साजिश रची. इस संबंध में अमेरिका में एक मुकदमा भी दर्ज किया गया. अब विकास यादव को भारत में ही अपनी जान का खतरा सता रहा है. यही वजह है कि उसने दिल्ली की एक जिला अदालत का रुख किया. कोर्ट से अपील की गई कि उसे दिल्ली पुलिस से जुड़े मामले में पेशी से छूट दी जाए. ऐसा इसलिए उसकी पहचान एफबीआई ने उजागर कर दी है. उसकी जान को खतरा है.
दरअसल, पिछले साल दिसंबर में अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा विकास यादव पर एफआईआर रजिस्टर की गई थी. उसे गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में सीसी-1 के तहत सह-साजिशकर्ता बनाया गया. एफबीआई के कदम से एक महीने पहले ही दिल्ली पुलिस ने विकास यादव को अपहरण और जबरन वसूली के मामले में अरेस्ट किया. चार महीने जेल में बिताने के बाद उसे जमानत दी गई. अमेरिका की FBI विकास यादव को वांछित सूची में डाल दिया है. अमेरिकी पुलिस का आरोप है कि विकास यादव भारत सरकार के कैबिनेट सचिवालय में कार्यरत था, जो भारतीय प्रधानमंत्री कार्यालय का एक हिस्सा है. भारतीय विदेश मंत्रालय पहले ही यह साफ कर चुका है कि विकास यादव अब भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से भी नहीं होगा पेश
विकास ने दिल्ली पुलिस पर झूठे मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी जान को खतरा है. ऐसा इसलिए क्योंकि उसकी तस्वीरें, घर का पता पब्लिक डोमेन में है. विकास ने कोर्ट को बताया कि धमकी के कारण वो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी सुनवाई में शामिल नहीं हो सकता. ऐसा इसलिए क्योंकि इस बात की संभावना है कि उनकी लोकेशन को ट्रैक किया जा सकता है. शनिवार को यादव की अर्जी दिल्ली की एक अदालत में सूचीबद्ध की गई और अदालत ने उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया है.
FIRST PUBLISHED : November 17, 2024, 10:47 IST
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