US Attacks Iran Nuclear Sites: इजरायल और ईरान की जंग में अमेरिका की एंट्री से मिडिल ईस्ट में तनाव और बढ़ गया है. अमेरिकी हमले के बाद ईरान ने सोमवार (23 जून 2025) को इजरायल पर हमले करने शुरू कर दिए. अमेरिका ने मिडनाइट हैमर के नाम से ये ऑपरेशन चलाया, जिसके तहत बी-2 स्टील्थ बॉम्बर से बहुत ही गोपनीय तरीके से इसे अंजाम दिया गया.
अमेरिकी बॉम्बर्स ने दिया धोखा
अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने बताया कि यह हमला अमेरिकी इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन था, जिससे ईरान पूरी तरह से अचंभित रह गया. मिसौरी में व्हाइटमैन एयर फ़ोर्स बेस से बी-2 बॉम्बर्स का एक ग्रुप उड़ान भरता दिखाई दिया. दरअसल ऐसा जानबूझकर किया गया था ताकि यूएस डिफेंस की असली चाल कोई समझ नहीं पाए.
सैन्य विश्लेषकों का मानना था कि ये विमान ईरान की ओर जा रहे थे, लेकिन ऐसा ध्यान भटकाने के लिए किया गया था. जबकि वास्तव में 2 बी-2 बॉम्बर्स विमान 18 घंटे की उड़ान में बिना किसी पहचान के पूर्व दिशा की ओर उड़े. ईरानी एयरस्पेस के पास पहुंचने से पहले हवा में ही इसमें ईंधन भरे गए. जैसे ही ये विमान टारगेट के करीब पहुंचे तो एक अमेरिकी पनडुब्बी ने 24 से अधिक टॉमकॉक क्रूज मिसाइलों को लॉन्च किया और अमेरिकी फाइटर जेट ईरान की ओर बढ़े.
ईरान ने परमाणु ठिकानों को किया तबाह
अमेरिकी B-2 बॉम्बर्स ने टारगेट पर पहुंचकर तीनों परमाणु ठिकानों पर बंकर-बस्टिंग बम गिराए. अमेरिकी अधिकारी ने अनुसार कुल 125 से अधिक अमेरिकी सैन्य विमान इस ऑपरेशन में शामिल था. अमेरिकी ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल डैन केन ने कहा, “यह अब तक का दूसरा सबसे लंबा B-2 मिशन था, जिसे 9/11 के बाद अंजाम दिया गया. ईरान की मिसाइल प्रणालियों ने हमें नहीं देखा.”
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने चली थी यही चाल
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी यही चाल चली थी. एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर में फाइटर जेट जैसे दिखने वाले नकली (डमी) एयरक्राफ्ट भेजे जिससे पाकिस्तान को चीन से मिली एयर डिफेंस सिस्टम को फंसाया जा सके. भारत ने 9-10 मई की रात पाकिस्तान के 12 में से 11 बड़े एयरबेस को टारगेट किया, लेकिन असली मिसाइल अटैक से पहले, वायुसेना ने ऐसे ड्रोन और डमी एयरक्राफ्ट भेजे जो बिल्कुल असली लड़ाकू विमानों जैसे लग रहे थे.
पाकिस्तानी मिसाइल की लोकेशन को पता लगाया
पाकिस्तानी रडारों ने नकली विमानों को असली समझ लिया और अपने HQ-9 मिसाइल सिस्टम एक्टिव कर दिए, जिससे उनकी लोकेशन का पता चल गया और उन्हें आसानी से निशाना बनाया जा सके. पाकिस्तान ने अपने सभी HQ-9 मिसाइल लॉन्चर और रडार इधर-उधर और नए ठिकानों पर भी लगाए और जैसे ही वो एक्टिव हुआ भारत की नजरों में आ गया. इसके बाद भारतीय वायुसेना ब्रह्मोस, स्कैल्प, रैम्पेज और क्रिस्टल मेज जैसे मिसाइलों से हमला किया.
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