भारत पर अमेरिकी हथियार खरीदने का दबाव बना रहे ट्रंप, इसके पीछे क्या है US प्रेसीडेंट की मंशा?

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Donald Trump calls PM Modi : सत्ता पर दूसरी बार काबिज होने के बाद अमेरिका को ग्रेट बनाने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हर तरीका अपना रहे हैं. फिर चाहे टैरिफ बढ़ाकर हो या धमकी देकर. अब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि भारत ज्यादा से ज्यादा संख्या में अमेरिकी हथियार की खरीदारी करे.

रिपोर्ट के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार (27 जनवरी) की देर रात को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टेलीफोन पर बात की. इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी पर अमेरिकी हथियारों की खरीदने के लिए दबाव डाला है. विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत से अपने व्यापारिक संबंधों को संतुलित करने का आह्वान किया है. अब सवाल ये उठ रहे हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति भारत को भारी संख्या में हथियार क्यों बेचना चाहते हैं और इसके पीछे उनकी क्या मंशा है?

अमेरिका के घाटे को कम करना चाहते हैं ट्रंप

दरअसल, अमेरिका भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, लेकिन अमेरिका उन कुछ देशों में शामिल है, जिसके साथ भारत का कारोबार सरप्लस में हैं. मतलब भारत अमेरिका में अपना सामान ज्यादा बेचता है और उससे खरीदता कम है और डोनाल्ड ट्रंप इसे ही संतुलित करना चाहते हैं. ट्रंप की इच्छा है कि भारत को हथियार बेचकर अमेरिका के व्यापारिक घाटे को कम किया जाए.

भारत और अमेरिका का द्विपक्षीय व्यापार

पिछले वित्तीय साल में भारत ने अमेरिका से जितने मूल्य के सामान की खरीदारी की है, उससे 35 अरब डॉलर से ज्यादा मूल्य के सामान को बेचा है. वहीं, बाइडेन प्रशासन के दौरान द्विपक्षीय कारोबार में भारी उछाल आया. कुछ रिपोर्ट्स में तो यह कहा गया कि अमेरिका चीन को पीछे छोड़कर भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया है और सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी से फोन पर बात करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने इसी मुद्दे को उठाया था.

व्हाइट हाउस ने जारी किया बयान

अमेरिका का व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने भारतीय प्रधानमंत्री पर इस बात को लेकर जोर दिया है कि भारत को अमेरिका  में बने हथियारों और अन्य रक्षा उपकरणों की खरीदारी बढ़ानी चाहिए और दोनों देशों के बीच एक निष्पक्ष व्यापार संबंधों को निर्माण होना चाहिए.

वहीं, नई दिल्ली में सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च की सीनियर विजिटिंग फेलो रानी मुलेन ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से कहा, “ट्रंप के कार्यकाल के दौरान भी द्विपक्षीय संबंधों के मजबूत रहने की संभावना है, फिर भी लेन-देन को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप को भारत से कुछ रियायतें चाहिए होंगी.”

भारत पर लगातार दबाव बना रहा ट्रंप

भारत के वाणिज्य मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जो चीन से थोड़ा ही पीछे है. वहीं, नई दिल्ली ने जनवरी और नवंबर 2024 के बीच वॉशिंगटन के साथ 35 बिलियन डॉलर का बिजनेस सरप्लस दर्ज किया है. इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप ने BRICS देशों पर टैरिफ लगाने की भी धमकी दी है, जिसमें भारत भी शामिल है.

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