कोर्टरूम में AI की एंट्री! न्यूयॉर्क कोर्ट में व्यक्ति ने दलील पेश करने के लिए किया इस्तेमाल

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New York AI Avatar In Court: 26 मार्च, 2025 को न्यूयॉर्क अपील कोर्ट में एक ऐसी घटना घटी जिसने दुनिया भर के लॉ एक्सपर्ट्स और तकनीकी विशेषज्ञों को चौंका दिया. जेरोम डेवाल्ड नामक एक व्यक्ति अपने केस की वकालत करने लिए पेश हुआ था. हालांकि, उसने कोर्ट में अपनी दलील पेश करने के लिए अपने एक AI जनरेटेड अवतार का इस्तेमाल किया.

यह अवतार न केवल उसकी बातों को बोल रहा था, बल्कि वह एक युवा, आत्मविश्वासी और पेशेवर छवि में नजर आ रहा था,जो पूरी तरह से एक वर्चुअल पेशी की तरह दिखाई दे रही थी. जैसे ही जजों ने महसूस किया कि यह कोई असली इंसान नहीं है, कोर्ट में सन्नाटा छा गया. जस्टिस सैली मंजानेट-डेनियल्स ने सख्ती से वीडियो को बंद करने का आदेश दिया और कहा कि उन्हें गुमराह किया गया है.

क्यों किया गया AI अवतार का इस्तेमाल
डेवाल्ड का दावा था कि उन्होंने वकील न होने की स्थिति में AI का इस्तेमाल इसलिए किया ताकि वह अपनी बात को स्पष्ट, आत्मविश्वास के साथ बोल सके. उनका मानना था कि AI अवतार न केवल उन्हें पेश करने में मदद  करेगा, बल्कि जजों को बेहतर तरीके से समझाने में मदद करेगा. AI अवतार एक सैन फ्रांसिस्को स्थित टेक कंपनी के प्लेटफ़ॉर्म से बनाया गया था. डेवाल्ड इसे अपनी सूरत के अनुरूप ढालना चाहते थे, लेकिन समय की कमी के कारण वह ऐसा नहीं कर पाए. हालांकि उनका इरादा कोर्ट को धोखा देना नहीं था, लेकिन कोर्ट ने इसे गंभीर कानून का उलंघन माना है.

क्या कहती है नैतिकता और कानूनी परंपरा?
कानून की दुनिया पारदर्शिता, जवाबदेही और सबूत पर आधारित है. किसी भी दलील या सबूत को पेश करते समय कोर्ट को यह जानना जरूरी होता है कि वह किस सोर्स से आ रही है. जब कोई वकालत करने वाला एक वर्चुयल व्यक्ति को पेश करता है, जो ना ही असली है, ना ही इंसान तो इससे कोर्ट की विश्वसनीयता और सत्यता पर प्रश्नचिन्ह लग जाता है. AI अवतार न तो भावनाएं समझ सकता है और न ही जजों के सवालों के तुरंत उत्तर दे सकता है. इसके अलावा, इसे कोर्ट की भाषा और प्रक्रिया की भी पूरी समझ नहीं होती. यही कारण है कि जजों को यह प्रयास “गुमराह करने वाला” और “अस्वीकार्य” लगा.

क्या भविष्य  में AI का उपयोग बढ़ेगा?
इस घटना ने न्याय प्रणाली के भविष्य को लेकर एक नई बहस को जन्म दिया है. क्या वादी भविष्य में AI वर्चुअल असिस्टेंट के ज़रिए अपनी दलीलें पेश कर सकेंगे? क्या कोर्ट इस तरह के वीडियो दलीलों को स्वीकार करेगा यदि वे पहले से अनुमोदित हों? AI की बढ़ती उपस्थिति को देखते हुए, यह मुमकिन है कि भविष्य की अदालतों में कुछ सीमित भूमिकाओं में AI को अनुमति दी जा सकती है, जैसे कि दस्तावेज़ विश्लेषण, डेटा प्रस्तुति या भाषण में सहायक भूमिका. लेकिन जजों और वकीलों की जगह लेना एक दूर की कौड़ी है.

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