धरती पर उतरेगा सूरज! 24 घंटे मिलेगी रौशनी, जान लें न्‍यूक्लियर फ्यूजन प्‍लान

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नई दिल्‍ली. सौर ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा तो हमने खूब देखी और सुनी है लेकिन जल्‍द ही दुनिया में बिजली बनाने के लिए हाइड्रोजन आधारित ऊर्जा का इस्‍तेमाल होने जा रहा है. यदि सब कुछ योजना के अनुसार होता है, तो अमेरिका में दुनिया का पहला ग्रिड-स्केल न्‍यक्लियर फ्यूजन बिजली संयंत्र होगा. अगर यह योजना कामयाब रही तो आने वाले वक्‍त में दुनिया में बिजली की कमी नहीं होगी. मन में यह सवाल उठना लाजमी है कि यह एक बिजली संयंत्र ही तो है, इसमें ऐसा खास क्‍या है. हम आपको बता दें कि हाइड्रोजन आधारित ऊर्जा एक क्‍लीन एनर्जी है. सूरज जिस तकनीक से ऊर्जा उत्‍पन्‍न का दुनिया को रौशन करता है, ठीक उसी तकनीक से यह संयंत्र बिजली पैदा करने वाला है.

माना जा रहा है कि साल 2030 तक इसका काम पूरा कर लिया जाएगा. अगर ऐसा होता है तो यह संयंत्र दशकों तक बिना कार्बन उत्‍सर्जन किए लोगों के लिए बिजली पैदा करने में सक्षम होगा. फिलहाल इस प्‍लांट से 400 मेगावाट बिजली का उत्‍पादन करने का प्‍लान है, जो करीब डेढ़ लाख घरों को रौशन कर सकेगा. क्‍लीन एनर्जी के इस प्रोजेक्‍ट पर स्टार्टअप कॉमनवेल्थ फ्यूजन सिस्टम्स नाम की कंपनी काम कर रही है. सबसे बड़ी और सबसे नामी न्‍यूक्लियर फ्यूजन कंपनी में से एक CFS और रिचमंड इसके निर्माण के लिए कई अरब डॉलर का निवेश कर रही है.

कैसे काम करती है न्‍यूक्लियर फ्यूजन एनजी?
सरल शब्‍दों में समझें तो न्‍यूक्लियर फ्यूजन एनर्जी वो ऊर्जा होती है जो न्‍यूक्लियर फ्यूज रिएक्‍शन से पैदा होती है. परमाणु ऊर्जा में जहां एक तरफ अणु आपस में टूटते हैं, जिससे एनर्जी पैदा होती है. वहीं, हाइड्रोजन एनर्जी में अणु आपस में जुड़ जाते हैं, जिससे ऊर्जा पैदा होती है. यह अणु फिर टूटकर बाद में जुड़ जाते हैं. इससे बार-बार ऊर्जा पैदा होती है. इसे एक क्‍लीन एनर्जी माना जाता है. बताया गया कि सूरज पर मौजूद प्रचुर मात्रा में गर्मी का भी यही सोत्र है. इसमें परमाणुओं को एक साथ जोड़कर ऊर्जा का एक शक्तिशाली विस्फोट पैदा करना शामिल है, जिसे ब्रह्मांड में सबसे प्रचुर तत्व हाइड्रोजन का उपयोग करके प्राप्त किया जाता है.

क्‍या है सबसे बड़ी दिक्‍कत
बताया गया कि यह पहली बार होगा जब दुनिया में प्‍लाजमा पर फ्यूजन पावर से एनर्जी उपलब्ध कराई जाएगी. हालांकि इस दिशा में आगे बढ़ना इतना भी आसान नहीं है जितना दावा किया जा रहा है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि यह तकनीक अभी तक व्यवहारिक साबित नहीं हुई है. पूरी दुनिया इस वक्‍त क्‍लीन एनर्जी अपनाने की दिशा में आगे कर रही है. पृथ्‍वी को बचाने के लिए हर कोई कार्बन उत्‍सर्जन आधारित ऊर्जा के सोत्र से दूरी बनाना चाहता है. न्‍यूक्लियर फ्यूजन एनर्जी एक ऐसी ऊर्जा है जो हमेशा धरती पर उपलब्‍ध रहेगी.

Tags: America News, Power plants, World news

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