भारत, अमेरिका ने अंतरिक्ष सहयोग में अगले कदमों की रूपरेखा तैयार की

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भारत और अमेरिका के अधिकारियों ने अंतरिक्ष सहयोग में अगले कदमों की रूपरेखा तैयार की है, जिसमें मानव अंतरिक्ष उड़ान, संयुक्त अंतरिक्ष अन्वेषण और बढ़ती अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में साझा हितों को आगे बढ़ाने के लिए अंतरिक्ष कंपनियों के बीच वाणिज्यिक साझेदारी को सुविधाजनक बनाने की प्रतिबद्धता शामिल है.

व्हाइट हाउस ने बुधवार (18 दिसंबर, 2024) को बताया कि इस संबंध में ह्यूस्टन में 17 दिसंबर को एक बैठक आयोजित की गई थी जिसमें अमेरिका के प्रधान उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर, उप विदेश मंत्री कर्ट कैंपबेल और अमेरिका में भारत के राजदूत विनय क्वात्रा शामिल हुए.

व्हाइट हाउस ने एक तथ्य-पत्र में कहा, ‘राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जून 2023 में ‘अंतरिक्ष सहयोग के सभी क्षेत्रों में नयी ऊंचाइयों तक पहुंचने’ के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता और भारत के आर्टेमिस समझौते पर हस्ताक्षर के बाद दोनों देश नागरिक, सुरक्षा और वाणिज्यिक अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग को लेकर एक महत्वपूर्ण बिंदु पर पहुंचे.’

उसने कहा, ‘इसमें मानव युक्त अंतरिक्ष उड़ान, संयुक्त अंतरिक्ष अन्वेषण और बढ़ती अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में हमारे साझा हितों को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिकी और भारतीय अंतरिक्ष कंपनियों के बीच वाणिज्यिक साझेदारी को सुविधाजनक बनाने की प्रतिबद्धता शामिल है.’

ह्यूस्टन की अपनी यात्रा के तहत फाइनर और कैंपबेल ने दोनों देशों की बढ़ती अंतरिक्ष साझेदारी को और मजबूत करने के लिए नये अवसरों की पहचान करने के वास्ते राष्ट्रीय वैमानिकी और अंतरिक्ष प्रशासन (नासा), भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और अंतरिक्ष उद्योग की दिग्गज कंपनियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की.

उन्होंने पिछले कुछ महीनों की उपलब्धियों पर विचार किया और भारत-अमेरिका साझेदारी को अगले स्तर पर ले जाने के लिए नये कदमों की रूपरेखा तैयार की, जिसमें अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर भारतीय और अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों के बीच पहले संयुक्त अभियान के लिए नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर में प्रशिक्षण के वास्ते इसरो के दो अंतरिक्ष यात्रियों का चयन शामिल है और एक्सिओम स्पेस इस मिशन के प्रदाता के रूप में काम करेगा.

अगले साल की शुरुआत में एक्सिओम-4 मिशन का प्रक्षेपण भारत-अमेरिका अंतरिक्ष साझेदारी और अंतरिक्ष अन्वेषण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा.

व्हाइट हाउस के मुताबिक, फाइनर और कैंपबेल अंतरिक्ष में स्थितिजन्य जागरूकता, उपग्रह प्रौद्योगिकी तथा अंतरिक्ष प्रक्षेपण एवं अन्वेषण को आगे बढ़ाने पर केंद्रित अमेरिकी और भारतीय स्टार्टअप के बीच साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए एक नये अंतरिक्ष नवाचार पुल के निर्माण के उपाय तलाशने पर सहमत हुए.

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