Donald Trump’s Administration on MIT : संयुक्त राज्य अमेरिका में इमिग्रेशन और कैंपस एक्टिविज्म को लेकर छात्रों पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की कार्रवाई लगातार जारी है. ट्रंप प्रशासन ने अब मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के छात्रों पर कार्रवाई की है. MIT ने अपने एक बयान में कहा कि उसके 9 इंटरनेशनल छात्रों को और रिसर्चरों के वीजा को बिना किसी पूर्व नोटिस या सफाई के रद्द कर दिया गया है.
अब तक 530 लोगों के वीजा हो गए रद्द
CBS की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने अब तक 88 कॉलेजों और विश्विद्यालयों के करीब 530 छात्रों, शिक्षकों और रिसर्चरों के वीजा रद्द कर दिए हैं. इसे लेकर यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट सैली कोर्नब्लथ ने सोमवार (14 अप्रैल) को MIT कम्युनिटी को एक पत्र लिखा. इस पत्र में कोर्नब्लथ ने अमेरिकी सरकार के ताजा कार्रवाइयों को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा, “सरकार की ओर से उठाए गए ये कदम न सिर्फ एमआईटी के संचालन के लिए एक खतरा हैं, बल्कि यह वैश्विक प्रतिभाओं को आकर्षित करने और वैज्ञानिक लीडरशिप को बनाए रखने वाले देश की क्षमताओं के लिए भी संकट पैदा करता है.”
कोर्नब्लथ ने अपने पत्र में लिखा, “चार अप्रैल से अब तक हमारे कम्युनिटी के 9 सदस्यों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं. इसमें कम्युनिटी के हाल ही में ग्रेजुएट हुए छात्र और कुछ पोस्टडॉक्टरेट छात्र भी शामिल हैं.” उन्होंने लिखा कि इस कार्रवाई को लेकर ट्रंप सरकार की ओर से किसी भी तरह की आधिकारिक सूचना का न मिलना और भी चिंताजनक विषय है. हालांकि, ट्रंप प्रशासन की कार्रवाई से पीड़ित एक छात्र ने एक मुकदमा दायर किया है, जिसमें कम्युनिटी सीधे तौर पर शामिल नहीं था, लेकिन फिर भी उसने कहा कि वह इस कार्रवाई के प्रभाव को लेकर चिंतित है.
फेडरल पॉलिसी में किया है बदलाव
अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर कार्रवाई के अलावा ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका की एक फेडरल पॉलिसी में भी बदलाव किया है. पॉलिसी में बदलाव किए जाने के बाद MIT, प्रिंसटन, कैलटेक और इलिनोइस यूनिवर्सिटी सहित कई अन्य टॉप विश्वविद्यालयों ने बोस्टन फेडरल कोर्ट डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी (DOE) के खिलाफ मुकदमा दायर किया है.
कोर्ट में इस मुकदमे में प्रशासन के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें रिसर्च कॉस्ट रिम्बर्समेंट को 15 प्रतिशत तक सीमित कर दिया गया है. इससे रिसर्च में लगे कई शैक्षणिक संस्थानों को करोड़ों डॉलर का नुकसान झेलना पड़ सकता है.
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