‘ईरान पर हिरोशिमा की तरह बरसाए बम’, ट्रंप के इस दावे की खुल गई पोल; पेंटागन बोला- कुछ नहीं बिगड

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US Attacks Iran: अमेरिका ने रविवार (22 जून 2025) तड़के ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर हमला किया. इस हमले के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए ट्र्ंप ने कहा था कि ईरान अब परमाणु हथियार नहीं बना पाएगा क्योंकि अमेरिका ने ईरान के तीनों बड़े परमाणु ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया. इस बीच यूएस रक्षा खुफिया एजेंसी की ओर से बताया गया है कि इस हमले में ईरान को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है.

ट्रंप के दावों की खुल गई पोल

अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने इस युद्ध में हुए क्षति का आकलन किया है, जिसकी रिपोर्ट ट्रंप के दावों पर से मेल नहीं खा रहे हैं. सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी हमलों में ईरान के तीनों परमाणु स्थलों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा है. इसमें बताया गया कि इस ऑपरेशन को अंतिम रूप देने में अमेरिका ने देरी कर दी. अमेरिकी सेंट्रल कमांड के सात अधिकारियों ने इस रिपोर्ट को तैयार किया है.

अमेरिका की इंटेलीजेंस एजेंसी ने दावा किया है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम कुछ ही दिनों में ट्रैक पर वापस लौट सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि अमेरिका के हमलों से पहले ही ईरान ने अपने परमाणु ठिकानों पर से पहले ही संवर्धित यूरेनियम को हटा दिया था. हालांकि व्हाइट हाउस ने इस रिपोर्ट पर असहमति जताई है.

ईरान पर हिरोशिमा की तरह बरसाए बम- ट्रंप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार (25 जून 2025) को कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम दशकों पीछे चला गया है. उन्होंने कहा कि ईरान अब लंबे समय तक बम नहीं बना पाएगा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिकी हमलों के कारण ईरान के परमाणु स्थल पूरी तरह नष्ट हो गए.

ट्रंप ने ईरान पर किए हमले की तुलना द्वितीय विश्व युद्ध से कर दी. उन्होंने कहा, “मैं हिरोशिमा और नागासाकी का उदाहरण नहीं देना चाहता, लेकिन यह वैसा ही हमला था जिससे यह युद्ध समाप्त हो गया.”

व्हाइट हाउस ने रिपोर्ट को झूठा बताया

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने बताया, “यह रिपोर्ट पूरी तरह से गलत है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नीचा दिखाने और अमेरिका के बहादुर फाइटर पायलटों को बदनाम करने के लिए ऐसा किया गया. हर कोई जानता है कि जब 30,000 पाउंड का बम कहीं फटेगा तो क्या होगा.”

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को ट्रुथ सोशल पर लिखा, “फर्जी खबर, सीएनएन ने न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ मिलकर इतिहास के सबसे सफल सैन्य हमलों में से एक को नीचा दिखाने की कोशिश की है. ईरान में परमाणु स्थल पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं. 

‘रिपोर्ट का लीक होना देशद्रोह है’

फॉक्स न्यूज से बातचीत में अमेरिका के मध्य पूर्व के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने रिपोर्ट लीक होने को देशद्रोह करार देते हुए कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए.स्टीव विटकॉफ ने कहा, ऐसी संवेदनशील जानकारी का लीक होना, चाहे वो किसी भी पक्ष के लिए क्यों न हो, बेहद निंदनीय और देश के लिए खतरनाक है. ये देशद्रोह है, इसलिए इसकी जांच होनी चाहिए. जो भी इसके लिए जिम्मेदार है, उसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.”

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