Bangladesh Violence Against Hindu: बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का मुद्दा ब्रिटिश संसद में भी गूंजा. ब्रिटेन की संसद में भारतीय मूल की पूर्व गृह सचिव प्रीति पटेल और अन्य सांसदों ने इस मुद्दे को उठाते हुए बांग्लादेश की स्थिति पर चिंता जाहिर की. उन्होंने ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी से इस संबंध में स्पष्ट बयान और कार्रवाई की मांग की.
इंडो-पैसिफिक के प्रभारी विदेश कार्यालय मंत्री कैथरीन वेस्ट ने कहा कि उन्हें बांग्लादेश में अंतरिम मुहम्मद यूनुस की ओर से आश्वासन दिया गया था कि अल्पसंख्यक समुदायों के लिए सहायता उपलब्ध है. वेस्ट ने कहा, “हम एक प्रसिद्ध हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास की राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तारी के बाद भारत सरकार की चिंता के बयान से अवगत हैं. यूके विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) डेस्क उन घटनाक्रमों की बारीकी से निगरानी कर रहा है.” उन्होंने आगे कहा कि यूके सरकार बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के साथ धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता के महत्व पर विशेष रूप से हिंदू समुदाय को लेकर बातचीत करेगी.
‘मानवाधिकारों का भी है गंभीर उल्लंघन’
भारतीय मूल की पूर्व गृह सचिव प्रीति पटेल ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों को “अस्वीकार्य” बताया. उन्होंने ब्रिटिश सरकार से इस मुद्दे पर बांग्लादेश सरकार से कड़ा रुख अपनाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा “यह सिर्फ धार्मिक स्वतंत्रता का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह मानवाधिकारों का भी गंभीर उल्लंघन है.”
अन्य सांसदों की प्रतिक्रिया
एक अन्य सांसद ने ब्रिटेन और बांग्लादेश के मजबूत द्विपक्षीय संबंधों का हवाला देते हुए, बांग्लादेश की सरकार पर दबाव डालने की बात कही. उन्होंने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठनों की भूमिका तय करने की बात कही.
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले
दुर्गा पूजा और अन्य धार्मिक त्योहारों के दौरान हिंदू मंदिरों और मूर्तियों को निशाना बनाया गया. कई हिंदू परिवारों को उनके घरों से बेदखल किया गया और उनकी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया. जिसके बाद अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश बढ़ने लगा है. अमेरिका, ब्रिटेन और भारत जैसे देशों में बांग्लादेश की हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन हुए. वैश्विक मानवाधिकार संगठनों ने बांग्लादेश सरकार से हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की.
ब्रिटेन सरकार का रुख
सांसदों ने डेविड लैमी से इस मुद्दे पर बांग्लादेश सरकार के साथ बातचीत करने का आग्रह किया. बता दें कि ब्रिटेन बांग्लादेश का एक प्रमुख बिनेस पार्टनर है, जो इस मुद्दे को हल करने में बड़ा रोल अदा कर सकता है.
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