Explainer: क्या ट्रंप की कार्रवाइयां अमेरिका को गृह युद्ध की ओर ले जा रही हैं?

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10 जून 2025 को अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य में जबरदस्त तनाव का माहौल बन गया. जो अब भी बना हुआ है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लॉस एंजिल्स में आप्रवासन विरोधी प्रदर्शनों को दबाने के लिए 4,000 से अधिक नेशनल गार्ड सैनिकों और 700 सक्रिय ड्यूटी मरीन को तैनात कर दिया. जब वहां के गवर्नर गेविन न्यूसॉम ने इस पर सवाल उठाते हुए कोर्ट में जाने की बात की तो ट्रंप ने उन्हें गिरफ्तार करने की बात कही. इन घटनाओं ने सवाल खड़ा कर दिया कि क्या ट्रंप की ये कार्रवाइयां अमेरिका को गृह युद्ध की ओर धकेल रही हैं.

अमेरिका में तो हर कोई ये बात कर ही रहा है. दुनियाभर में लोग ट्रंप की कार्रवाइयों को लेकर हैरान हैं. दरअसल अब तक अमेरिका में राज्यों की एक अलग किस्म की स्वायत्ता रही है, जिसमें प्रेसीडेंट आमतौर पर उनकी कानून – व्यवस्था में दखल नहीं देते. लेकिन ट्रंप ने जिस तरह के कदम उठाए हैं, उसने अमेरिका के दूसरे राज्यों को भी चौंकना कर दिया है.

अब सभी राज्यों को लग रहा है कि देरसबेर अलग अलग वजहों से ट्रंप उनके अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण कर सकते हैं. ट्रंप हमेशा की तरह तानाशाह की तरह व्यवहार करते दीख रहे हैं, जिन्हें किसी भी बात से फर्क नहीं पड़ता. हालांकि ये समझना जरूरी है कि कैलिफोर्निया राज्य के लास एंजिल्स में तनाव क्यों इस कदर बढ़ गया कि बड़े पैमाने पर हिंसा शुरू हो गई.

सवाल – कैलिफोर्निया में तनाव का कारण क्या है, वहां इस कदर हिंसा क्यों फैल गई है?
– लॉस एंजिल्स में हाल के एंटी इमिग्रेशन प्रदर्शन ट्रंप प्रशासन की सख्त आप्रवासन नीतियों, विशेष रूप से ICE (इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट) द्वारा की गई छापेमारी के जवाब में शुरू हुए. ये छापेमारी शहर के बड़े लेटिन समुदाय के साथ अन्य आप्रवासी समुदायों में भय और आक्रोश का कारण बनीं.

अमेरिका में नेशनल गार्ड और मरीन की तैनाती से तनाव और ज्यादा बढ़ गया है.

प्रदर्शनकारियों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया गया. ट्रंप ने इन प्रदर्शनों को “अराजकता” और “विद्रोह” करार देते हुए नेशनल गार्ड और मरीन को तैनात करने का फैसला किया, हालांकि उन्हें इसके लिए कैलिफोर्निया के गर्वनर से बात करनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.

इसके जवाब में, कैलिफोर्निया के गवर्नर न्यूसॉम ने ट्रंप के इस कदम को “गैरकानूनी, अनैतिक और असंवैधानिक” बताया. संघीय सरकार के खिलाफ मुकदमा दायर किया. न्यूसॉम का तर्क है कि नेशनल गार्ड की तैनाती के लिए राज्य के गवर्नर की सहमति जरूरी है, जैसा कि 10 U.S.C. 12406 में उल्लेखित है. ट्रंप के इस कदम को कई डेमोक्रेट्स ने “सत्ता का दुरुपयोग” और “तानाशाही” करार दिया है, जबकि रिपब्लिकन इसे कानून और व्यवस्था बहाल करने की जरूरत बता रहे हैं.

इसके साथ ट्रंप ने ये बयान भी दिया कि न्यूसॉम को गिरफ्तार किया जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने “कैलिफोर्निया को खराब तरीके से संभाला”. इस बात विवाद को और भड़का दिया. न्यूसॉम ने तुरंत ट्रंप को चुनौती दी, “मुझे गिरफ्तार करके तो दिखाओ.” इस आरोप – प्रत्यारोप और सैन्य तैनाती ने एक गंभीर संकट को जन्म दे दिया है, जिसे कुछ लोग गृह युद्ध की शुरुआत के रूप में देख रहे हैं.

सवाल – अमेरिका में नेशनल गार्ड का उपयोग कब किया जाता है?
– अमेरिका में नेशनल गार्ड और सैन्य बलों की घरेलू तैनाती कोई नई बात नहीं है, लेकिन इसे आमतौर पर आपातकालीन स्थितियों जैसे प्राकृतिक आपदाओं या बड़े पैमाने पर दंगों के लिए उपयोग किया जाता है. नेशनल गार्ड एक ऐसी इकाई है जो राज्य और संघीय दोनों स्तरों पर काम करती है. सामान्य रूप से गवर्नर इसके कमांडर-इन-चीफ होते हैं, लेकिन राष्ट्रपति कुछ शर्तों के तहत इसे संघीय नियंत्रण में ले सकते हैं.

ट्रंप ने नेशनल गार्ड को सक्रिय करने के लिए खास अधिकार टाइटल10 अथारिटी का इस्तेमाल किया, जो राष्ट्रपति को विद्रोह या गंभीर अशांति की स्थिति में सैन्य बलों को तैनात करने की अनुमति देता है. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब ऐसा हुआ है. 1965 में, राष्ट्रपति लिंडन बी. जॉनसन ने अलबामा के गवर्नर की सहमति के बिना नेशनल गार्ड को संघीय नियंत्रण में लिया था ताकि सिविल राइट्स मार्चरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

ट्रंप ने कैलिफोर्निया के गर्वनर को बताए बगैर लास एंजिल्स में 4100 नेशनल गार्ड की तैनाती कर दिया है. इससे तनाव बहुत बढ़ गया है.
वैसे ट्रंप का यह कदम कई मायनों में अभूतपूर्व है. यह 1965 के बाद पहली बार है जब किसी राष्ट्रपति ने राज्य के गवर्नर की सहमति के बिना नेशनल गार्ड को सक्रिय किया है. इसके साथ ही मरीन की तैनाती भी वहां के सरकारी भवनों पर कर दी है. मरीन आमतौर पर खास विदेशी युद्धों में उपयोग लाने जाने वाला विशेष सैन्य बल है. अमेरिकी कानून इस तरह के सैन्य बलों को इस तरह के उपयोग करने पर रोक लगाता है लेकिन ट्रंप ने इसे “विद्रोह” के रूप में कैटेगराइज करके इस कानून को दरकिनार करने की कोशिश की है.

सवाल – क्या ट्रंप के इस कदम से अमेरिका में गृह युद्ध की आशंका की बातें वास्तविकता हो सकती हैं?
– बेशक ऐसा होता हुआ नहीं दीखता लेकिन ट्रंप की कार्रवाई पर गंभीरता से विश्लेषण करने की जरूरत जरूर है. हालांकि कहना चाहिए कि कैलिफोर्निया की स्थिति विस्फोटक है. ट्रंप की कार्रवाई ने ना केवल इसे और विस्फोटक बनाया बल्कि संविधानिक संकट की भी स्थिति पैदा की. अमेरिका के ज्यादातर राज्यों को उनका ये कदम रास नहीं आया.

सवाल – ट्रंप पर इस मामले में राजनीति करने के भी आरोप लग रहे हैं?
– अमेरिका में पिछले कुछ वर्षों में राजनीतिक ध्रुवीकरण चरम पर पहुंच गया है. ट्रंप की नीतियां, विशेष रूप से आप्रवासन और कानून-व्यवस्था के मुद्दों पर, डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स के बीच गहरी खाई पैदा कर रही हैं. कैलिफोर्निया डेमोक्रेटिक गढ़ है और इसी वजह से लोगों को लगता है कि ट्रंप जानबूझकर इस राज्य में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं.

लॉस एंजिल्स में प्रदर्शनकारी, जिनमें से कई आप्रवासी समुदायों से हैं, ट्रंप की नीतियों को अन्यायपूर्ण मानते हैं. दूसरी ओर ट्रंप समर्थक इन प्रदर्शनों को “अराजकता” और “कानून के खिलाफ विद्रोह” के रूप में देखते हैं. X पर कुछ उपयोगकर्ता ट्रंप के कदम को “तानाशाही” और “फासीवादी” बता रहे हैं, जबकि अन्य इसे कानून-व्यवस्था की जीत मान रहे हैं. यह ध्रुवीकरण हिंसक टकराव को बढ़ावा दे सकता है, जो गृह युद्ध की ओर एक कदम हो सकता है.

सवाल – कैलिफोर्निया खासकर लास एंजिल्स में सैन्य तैनाती का क्या प्रभाव पड़ सकता है?
– 700 मरीन और 4,000 से अधिक नेशनल गार्ड सैनिकों की तैनाती का मतलब गंभीर तो है ही. ये सैनिक न केवल प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए हैं, बल्कि संघीय संपत्ति और कर्मियों की रक्षा के लिए भी तैनात किए गए हैं. इससे प्रदर्शनकारी तो नाराज हैं ही साथ ही कैलिफोर्निया की सरकार भी बुरी तरह खफा है.
न्यूसॉम और लॉस एंजिल्स के मेयर करेन बास ने तर्क दिया है कि स्थानीय पुलिस स्थिति को संभालने में सक्षम थी. ट्रंप की तैनाती ने अनावश्यक रूप से तनाव बढ़ाया है. अगर प्रदर्शनकारी और सैन्य बलों के बीच हिंसक टकराव बढ़ता है, तो यह स्थिति अनियंत्रित हो सकती है.

सवाल – कैलिफोर्निया में ट्रंप के इस कदम के खिलाफ क्या हो रहा है?
– न्यूसॉम और कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल रॉब बोंटा ने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया है, जिसमें दावा किया गया है कि नेशनल गार्ड की तैनाती 10वें संशोधन का उल्लंघन करती है, जो राज्यों को अपनी शक्तियां प्रदान करता है. अगर यह मुकदमा सफल होता है, तो यह ट्रंप प्रशासन की कार्रवाइयों को अवैध घोषित कर सकता है, जिससे संघीय और राज्य सरकारों के बीच और तनाव बढ़ेगा. इसके अलावा, ट्रंप का न्यूसॉम को गिरफ्तार करने का बयान एक खतरनाक मिसाल कायम करता है.

सवाल – क्या वास्तव में अमेरिका में ट्रंप के कदमों से गृह युद्ध की स्थिति आ सकती है?
– स्थिति बेशक गंभीर है लेकिन इसे गृह युद्ध की शुरुआत कहना जल्दबाजी होगी. हां, अगर सैन्य बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसा बढ़ती है, तो यह व्यापक अशांति का कारण बन सकता है. न्यूसॉम ने चेतावनी दी है कि ट्रंप अन्य राज्यों में भी नेशनल गार्ड को सक्रिय कर सकते हैं, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर तनाव फैल सकता है. आप्रवासी समुदायों में भय और आक्रोश बढ़ रहा है, जो और अधिक प्रदर्शनों को जन्म दे सकता है.

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