South Korea News: दक्षिण कोरिया की पुलिस ने बुधवार (11 दिसंबर) को राष्ट्रपति कार्यालय पर छापा मारा है. यह कार्रवाई राष्ट्रपति यूं सुक येओल के खिलाफ चल रही आपराधिक जांच के तहत की गई है. राष्ट्रपति पर संक्षिप्त मार्शल लॉ लगाने के संबंध में विद्रोह के आरोप लगाए गए हैं. अधिकारियों की जानकारी के मुताबिक अभी तक राष्ट्रपति यूं सुक येओल को गिरफ्तार नहीं किया गया है और न ही उनसे पूछताछ की गई है.
बता दें कि विशेष जांच दल ने आपराधिक जांच के मामले में राष्ट्रपति कार्यालय, राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी, सियोल मेट्रोपॉलिटन पुलिस एजेंसी और नेशनल असेंबली सुरक्षा सेवा पर कार्रवाई की है. जांच दल ने जानकारी साझा करते हुए कहा है कि यह मामला देश की सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था से जुड़ा है और इसकी गहन जांच जारी है.
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल के अचानक मार्शल लॉ लगाने के फैसले ने देश को राजनीतिक अराजकता में डाल दिया. दक्षिण कोरिया के न्याय मंत्रालय ने खुलासा किया कि मार्शल लॉ के तहत देश केवल कुछ ही घंटों में अस्थिर हो गया. विपक्ष ने यून को सत्ता से हटाने के लिए संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाने की योजना बनाई है.
मार्शल लॉ का ऐलान और प्रतिक्रिया
3 दिसंबर की रात को राष्ट्रपति यून ने अचानक मार्शल लॉ की घोषणा कर विशेष बल और हेलिकॉप्टर संसद में तैनात कर दिए. हालांकि, विपक्ष और उनकी अपनी पार्टी के सांसदों के दबाव के कारण उन्हें यह आदेश वापस लेना पड़ा. इसके बाद यून के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया गया, और उनके इस कदम पर आपराधिक जांच शुरू हो गई है.
महाभियोग प्रस्ताव पर विवाद
संसद में महाभियोग प्रस्ताव से बाल-बाल बचने के बावजूद राष्ट्रपति के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में तेजी आ गई. राजधानी सियोल में कड़ाके की ठंड के बावजूद हजारों लोग सड़कों पर उतरकर राष्ट्रपति को पद से हटाने की मांग की. राष्ट्रपति पद पर बने रहने के बावजूद, यून और उनके करीबी सहयोगियों पर कई आपराधिक जांचें चल रही हैं, जिनमें विद्रोह का आरोप प्रमुख है.
देश छोड़ने पर रोक और अन्य जांचें
न्याय मंत्रालय ने पुष्टि की कि यून पहले ऐसे दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति हैं, जिन पर पद पर रहते हुए देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा है. उन्होंने हाल ही में उत्तर कोरिया समर्थित ‘देश-विरोधी’ और ‘कम्युनिस्ट’ ताकतों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के लिए आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की थी.
राजनीतिक संकट की शुरुआत
हालांकि मार्शल लॉ केवल छह घंटे चला, लेकिन इसने पूरे देश में राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति पैदा कर दी. सांसदों और नागरिकों ने राष्ट्रपति यून को पद से हटाने की मांग तेज कर दी. विपक्ष ने पूर्व रक्षा मंत्री किम योंग ह्यून और अन्य आठ अधिकारियों के खिलाफ विद्रोह में शामिल होने के आरोप में शिकायत दर्ज कराई. इसके साथ ही, पूर्व रक्षा मंत्री को गिरफ्तार कर लिया गया है.
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